Train News: टिकट नहीं मिलने से यात्री परेशान, गेट पर लटककर यात्रा करने को मजबूर; ट्रेनों में चढ़ने के लिए हो रही मारामारी
ट्रेन में टिकट नहीं मिलने से यात्री परेशान हैं। यात्री जान जोखिम में डालकर ट्रेन के द्वार पर झूलकर या लटककर यात्रा करने को विवश हैं। वे किसी तरह कार्यस्थल पर पहुंचना चाहते हैं नहीं तो मुश्किल से मिली अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। यात्रियों को आरक्षण व तत्काल टिकट तो मिलना दूर वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रही है।
संवाद सहयोगी, मोहनियां। दीपावली व छठ पर्व समाप्त हो गया है। पर्व के मौके पर दूसरे राज्यों में कार्यरत लोग घर आए थे। अब काम पर वापस लौटना है। लेकिन ट्रेन में आरक्षण टिकट नहीं मिलने से आरक्षण व सामान्य बोगी में इतनी भीड़ है कि उसमें सवार होना परेशानी का सबब बन गया है।
यात्री जान जोखिम में डालकर ट्रेन के द्वार पर झूलकर या लटककर यात्रा करने को विवश हैं। वे किसी तरह कार्यस्थल पर पहुंचना चाहते हैं नहीं तो मुश्किल से मिली अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। हर पर्व के मौके पर जिलेवासियों को इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ता है। इस साल भी यहीं समस्या है।
यात्रियों को आरक्षण व तत्काल टिकट तो मिलना दूर वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा है। क्योंकि वेटिंग टिकट लेने वालों की संख्या स्टेशन की सीमा से पार हो चुकी है। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ दिखाई दे रही है। ट्रेनों में चढ़ने के लिए मारीमारी तक हो जा रही है।
आरपीएफ व जीआरपी के छूट रहे हैं पसीने
गेट पर झूलते यात्रियों को हटाने में आरपीएफ व जीआरपी के पसीने छूट रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर-गया रेलखंड पर अवस्थित भभुआ रोड स्टेशन से प्रतिदिन 34 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं। इस रेलखंड पर एक भी स्पेशल ट्रेन का परिचालन नहीं हो रहा है।
ऐसे में रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुखद यात्रा का दावा करने की बात बेइमानी साबित हो रही है। स्टेशन के टिकट काउंटर पर यात्रियों की भारी भीड़ लग रही है। जिसमें दिल्ली व मुंबई जाने वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक है। ट्रेनों में वेटिंग टिकट के लिए भी मारामारी है।
महाबोधि एक्सप्रेस में भभुआ रोड से तीन सौ पचास वेटिंग टिकट यात्री ले चुके हैं। यही हाल पुरषोत्तम एक्सप्रेस का है। जिसमें 100 वेटिंग टिकट यात्री ले चुके हैं। गया से खुलने वाली महाबोधि एक्सप्रेस में पैर रखने की जगह नहीं रहती। रेलवे के पदाधिकारियों के मुताबिक 15 दिसंबर के बाद ही यात्रियों को वेटिंग वाला आरक्षण टिकट मिल पाएगा। यात्रियों की मजबूरी का लाभ दलाल उठा रहे हैं।
वे टिकट के निर्धारित किराया से तिगुना चौगुना पैसा लेकर यात्रियों को टिकट बेचने का प्रयास कर रहे हैं। आरक्षण टिकट के लिए भभुआ रोड स्टेशन के टिकट काउंटर पर मध्य रात्रि से ही यात्रियों की कतार लगनी शुरू हो जाती है।
इसमें दलालों की भी संख्या कम नहीं होती है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग काउंटर के समीप रात भर डेरा डाले रहते हैं। लेकिन जब टिकट लेने की बारी आती है तो उन्हें निराशा हाथ लगती है।
काउंटर पर पहुंचने से पहले टिकट खत्म
यात्रियों के काउंटर तक पहुंचते पहुंचते टिकट का समय खत्म हो जाता है। भभुआ रोड स्टेशन पर आरक्षण टिकट के लिए चार काउंटर बनाए गए हैं। लेकिन सिर्फ दो काउंटर से आरक्षण टिकट मिलता है। इसके लिए सुबह आठ बजे से दिन के दो बजे तक का समय निर्धारित है।
टिकट बुकिंग का समय बढ़ाने के लिए कई वर्षों से यात्री मांग कर रहे हैं। कई मंत्री, सांसद व विधायक से भी यात्रियों ने गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दो काउंटर से मात्र छह घंटे में कितना यात्री टिकट ले पाएंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को मोहनियां आने में ही दस बज जाता है।
ऐसे में उनके पास इतना समय नहीं बचता की वे टिकट ले सकें। टिकट के लिए प्रतिदिन टिकट काउंटर पर यात्रियों में मारामारी होती है। जिससे अफरा-तफरी का माहौल रहता है। रेलवे के आला अधिकारी भी इस समस्या से अवगत हैं लेकिन यात्री सुविधाओं के प्रति वे भी गंभीर नजर नहीं आते हैं।
तभी तो भभुआ रोड स्टेशन पर आरक्षण टिकट के लिए मात्र छह घंटे का समय निर्धारित है। मात्र दो काउंटर से टिकट मिलने के कारण यात्रियों की लंबी कतार देखी जाती है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वे घर से अपने काम पर कैसे लौटें।
जाहिर है कि कैमूर जिला के बहुत लोग दिल्ली मुंबई के अलावा अन्य राज्यों में सरकारी व गैर सरकारी नौकरी करते हैं। जो पर्व के मौके पर अपने घर आए हुए हैं।
छुट्टी समाप्त होने के बाद उन्हें काम पर लौटने की मजबूरी है। ट्रेनों में जगह नहीं मिलने के कारण उनके हाथ पैर बंधे हुए हैं। समय से अगर वे नहीं पहुंचते हैं तो तरह तरह की परेशानी उठानी पड़ेगी।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
भभुआ रोड स्टेशन के उप प्रबंधक सरोज रंजन सिंह ने कहा कि प्रतिदिन चलने वाली ट्रेनों में जगह नहीं है। पर्व को लेकर आरक्षण टिकट लेने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है। इस रेलखंड पर काफी ट्रेनें हैं। इसके बावजूद ट्रेनों में जगह की कमी का यात्रियों को सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि स्टेशन पर ट्रेनें आती हैं तो उसमें सवार होने के लिए यात्री भागदौड़ करते हैं। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए रेलवे के अधिकारी, जीआरपी व आरपीएफ के पदाधिकारी व जवान मुस्तैद रहते हैं।
वरीय पदाधिकारियों का निर्देश है कि जब तक ट्रेन में यात्री सुरक्षित सवार न हो जाएं तब तक स्टेशन से रवाना न किया जाए। इसका अनुपालन हो रहा है।
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