तब काफी भावुक हो गए थे बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन, अधूरी ही रही बेटी के निकाह में शामिल होने की इच्छा
Md. Shahabuddin News बिहार के सिवान से आरजेडी सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन का दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काटने के दौरान निधन हो गया। उनकी बेटी हेरा शहाब के निकाह में शामिल होने की इच्छा पूरी नहीं हुई।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Md. Shahabuddin News सिवान के बाहुबली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन (Md. Shahabuddin) की जिंदगी में एक ऐसा भी वक्त आया था, जब वे काफी भावुक (Emotional) नजर आए थे। वाकया बीते साल दिसंबर में कोर्ट के आदेश पर पत्नी, बच्चों व मां के साथ निजी मुलाकात के दौरान का है। तब उन्होंने बेटी हेरा शहाब (Hera Shahab) के निकाह में शामिल होने के लिए सिवान आने की इच्छा जताई थी। हेरा शहाब की बीते दिनों हुई सगाई (Engagement) के बाद अब निकाह (Nikah) का इंतजार है। हालांकि, इसमें शामिल होने का शहाबुद्दीन का अरमान अब पूरा नहीं होगा। शहाबुद्दीन के बेटे-बेटियों में यह पहला निकाह होगा। विदित हो कि सिवान के दो भाइयों की एसिड से नहलाकर हत्या (Acid Bath Double Murder) के मामले में शहाबुद्दीन दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail, Delhi) में उम्रकैद की सजा काट रहे थे, जहां कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus infection) से बीते एक मई को उनका निधन हो गया।
शहाबुद्दीन की डॉक्टर बेटी की हो गई सगाई
सिवान के शहाबुद्दीन की बेटी हेरा शहाब की सगाई मोतिहारी के सैयद मो. शादमान (Md. Shadman) से बीते शनिवार को हुई। इस अवसर पर पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी तथा राष्ट्रीय जनता दल विधायक अवध बिहारी चौधरी व हरिशंकर यादव समेत कई नेता उपस्थित रहे। हेरा शहाब व मो. शादमान दोनों एमबीबीएस डॉक्टर हैं। शादमान के पिता सैयद इफ्तेखार अहमद संपन्न किसान हैं।
तीन साल बाद दिल्ली में परिवार से मुलाकात
सिवान के दो भाइयों की एसिड से नहलाकर हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए शहाबुद्दीन को बिहार की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजे जाने की कहानी फिर कभी, फिलहाल यह जानें कि तिहाड़ जेल जाने के बाद वे परिवार से कट गए थे। पिता के निधन के वक्त भी उन्हें पैरेाल (Parole) नहीं मिल सका था। करीब तीन साल बाद दिसंबर में कोर्ट के आदेश पर उनकी पत्नी, बेटे-बेटियों व मां से दिल्ली में ही मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात में शहाबुद्दीन व परिवार के सदस्यों के बीच क्या-क्या बातें हुईं, इसकी पूरी जानकारी तो नहीं मिल सकी, लेकिन बताया जाता है कि उस दौरान कई भावुक पल आए। मिली जानकारी के अनुसार लंबे समय बाद परिवार के कई सदस्यों के साथ हुई उस मुलाकात के दौरान शहाबुद्दीन कई बार इमोशनल हो गए।
कोर्ट ने सिवान जाने की नहीं दी अनुमति
शहाबुद्दीन के जेल में रहने के दौरान उनके पिता का निधन हाे गया था। तब उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भी पैरोल पर सिवान जाने की अनुमति नहीं मिल सकी थी। बताया जाता है कि इसके बाद भी शहाबुद्दीन ने पैरोल की अर्जी दाखिल की, जिसपर बिहार सरकार की आपत्ति के कारण उन्हें सिवान जाकर परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को परिवार को ही दिल्ली बुलाकर दिल्ली में ही कहीं निजी मुलाकात की अनुमति दी। इसके बाद दिसंबर में यह मुलाकात हुई थी।
अब पूरी नहीं होगी शहाबुद्दीन की यह इच्छा
बताया जाता है कि शहाबुद्दीन ने तब बेटी के निकाह में शामिल होने के समय सिवान आने की इच्छा जताई थी।
शहाबुद्दीन ने बेटी से इसका वादा किया था, लेकिन उनकी यह इच्छा अधूरी ही रह गई। बेटी के निकाह के लिए पैरेाल लेने के पहले ही कोरोना से दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया।