इसको लेकर मंगलवार को उच्च विद्यालय महनार बालिका की छात्राओं का आक्रोश उबल पड़ा और छात्राओं ने सड़क पर उतरकर जमकर बवाल काटा। आक्रोशित छात्राओं ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की गाड़ी को लाठी-डंडे और ईंट-पत्थरों से मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रदर्शन एवं हंगामे के दौरान आधा दर्जन छात्राएं बेहोश भी हो गईं।
एक पुलिस पदाधिकारी को भी इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार से हाजीपुर रेफर किया गया है। सूचना पर पहुंचे वरीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे मामले को शांत कराया।
स्कूल में 2080 छात्राओं का नामांकन, जगह 700 की
इस संबंध में बताया गया कि उच्च विद्यालय महनार बालिका की छात्राएं लगातार विद्यालय आ रही हैं, लेकिन विद्यालय में छात्राओं का नामांकन अधिक होने और उनके बैठने की व्यवस्था नहीं की गई है। विद्यालय में 2080 छात्राओं का नामांकन है, जबकि 600 से 700 छात्राओं के ही बैठने की व्यवस्था है। शिक्षा विभाग की ओर से छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थित अनिवार्य करने के कारण छात्राएं भारी संख्या में विद्यालय पहुंच रही हैं। इसके कारण उन्हें बैठने तक की जगह नहीं मिल पाती है। प्रत्येक दिन लगभग यही स्थिति बनती है।
छात्राओं ने हाईवे किया जाम
इन्हीं सब बातों से आक्रोशित छात्राओं ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के विरुद्ध बगावत करते हुए विद्यालय के सामने सड़क पर निकाल कर हाजीपुर-महनार एनएच 122 बी को जाम कर दिया।
सड़क जाम करने के बाद कुछ छात्राएं मदन चौक पर आ गई और यहां भी उन्होंने सड़क को जाम कर दिया, जिससे पूरे बाजार में अपरा-तफरी की स्थिति बन गई। मदन चौक से लेकर विद्यालय तक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। सड़क जाम कई घंटों तक चला।
आक्रोशित छात्र-छात्राओं का कहना था कि जब विद्यालय में बैठने की जगह ही नहीं है तो ऐसे में इस आदेश के आलोक में वह विद्यालय आएंगे तो बैठेंगे कहां। सरकार को चाहिए कि पहले वह विद्यालय में बैठने की व्यवस्था करें बाद वह इस प्रकार के आदेशों को निकाले।
छात्राओं में सरकार के 75 प्रतिशत उपस्थित को अनिवार्य बनाने को लेकर भारी आक्रोश नजर आया। छात्राओं ने यह भी कहा कि वह दूर दराज के क्षेत्र से काफी परेशानियों का सामना कर स्कूल पहुंचती हैं, लेकिन यहां बैठने का जगह उन्हें नहीं मिल पाता है, जिससे उनकी पढ़ाई भी नहीं होती और उन्हें परेशान होना पड़ता है।
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महनार सीओ ने मौके पर पहुंचकर की बात
बताया गया कि सड़क जाम की सूचना मिलने पर महनार के सीओ रमेश प्रसाद सिंह एवं महनार थाना की सहायक अवर निरीक्षक पूनम कुमारी मौके पर पहुंची और छात्राओं को समझाने बुझाने का प्रयास किया। घटना की सूचना पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमारी भी मौके पर पहुंची। सभी ने मिलकर छात्राओं को समझाकर पहले मदन चौक से और फिर विद्यालय के सामने से सड़क से हटाकर विद्यालय ले गए, लेकिन इसी बीच कुछ ऐसी घटना हो गई, जिसकी उम्मीद लोगों को नहीं थी। बताया गया कि सारा मामला शांत होने के बाद छात्राएं एकाएक आक्रोशित हो गई और सड़क पर खड़ी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की गाड़ी के लाठी-डंडों और ईंट-पत्थर से मारकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी। घटना की सूचना पर पहुंचे महनार के एसडीओ नीरज कुमार, एसडीपीओ प्रीतीश कुमार, महनार थानाध्यक्ष संजय कुमार, बीडीओ बसंत कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को समझा-बुझाकर पूरे मामले को शांत कराया और पूरे मामले की पड़ताल की।
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमारी ने कहा कि उन्हें जब इस प्रदर्शन की सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंची थी और छात्राओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया था। इसी बीच उनकी गाड़ी पर पथराव किया गया जिससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।उन्होंने कहा कि पूरे मामले की वह स्वयं जांच करेंगी और वरीय पदाधिकारियों को भी इस संबंध में सूचित करेंगी। वहीं, महनार थानाध्यक्ष संजय कुमार ने इस संबंध में कहा कि छात्राओं के प्रदर्शन की सूचना पर पहुंचकर सभी को शांत कराकर प्रदर्शन समाप्त कराया गया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी कि किस परिस्थिति में पथराव कर गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया गया। इस संबंध में महनार एसडीओ नीरज कुमार ने कहा कि विद्यालय में क्षमता से अधिक छात्राएं आ रहे हैं। इसके कारण बैठने में परेशानी होती है। इसको लेकर कुछ छात्राएं सड़क पर आ गई थीं, जिन्हें समझा-बुझाकर कर शांत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय को दो पालियों में चलाने हेतु शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई है, जहां तक हो सकेगा इस दिशा में प्रयास कर विद्यालय में पठन-पाठन की व्यवस्था को सुलभ और आरामदायक बनाया जाएगा। गाड़ी क्षतिग्रस्त करने के मामले की जांच की जाएगी।
हंगामे के दौरान आधा दर्जन छात्राएं व महिला एएसआई हुई बेहोश
इस हंगामा और बवाल के दौरान आधा दर्जन छात्राएं भीषण गर्मी के कारण बेहोश हो गई। उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार में भर्ती कराया गया। वहीं, सहायक अवर निरीक्षक पूनम कुमारी भी बेहोश हो गईं, उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर बना दिया गया उच्च विद्यालय
सरकार के आदेश पर हर पंचायत में एक मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया गया, जहां वर्ग एक से लेकर बारह तक की पढ़ाई होती है; लेकिन विद्यालय की क्षमता वर्ग एक से आठ तक की ही है।
स्कूलों में ना तो शिक्षक उपलब्ध हो सके और न हीं उन्हें पर्याप्त संख्या में वर्ग कक्षा मिल सकी है। इसके कारण स्कूलों में स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती चली जा रही है।
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