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विदेशी निवेशकों का बिकवाली पर जोर, अगस्त में अब तक 13 हजार करोड़ के बेचे शेयर

विदेशी निवेशकों की ताजा निकासी का प्रमुख कारण बैंक ऑफ जापान की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि से जापानी मुद्रा येन में तेजी और अमेरिका में मंदी की आशंका है। अगर आने वाले समय में घरेलू बाजारों में तेजी जारी रहती है तो एफपीआई अधिक बिकवाली पर जोर दे सकते हैं। इसका कारण यह है कि भारतीय शेयरों का मूल्यांकन काफी ऊंचा बना हुआ है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 11 Aug 2024 07:29 PM (IST)
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इस वर्ष डेट या बांड बाजारों में एफपीआइ की निवेश जारी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। जापान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों से निकासी बढ़ा दी है। यही कारण है कि अगस्त में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध बिकवाल बन गए हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के अनुसार, अगस्त में अब तक एफपीआइ शेयर बाजारों से 13,431 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी कर चुके हैं। इस निकासी के बाद पूरे कैलेंडर वर्ष 2024 में इक्विटी बाजारों में एफपीआइ निवेश घटकर 22,134 करोड़ रुपये रह गया है।

सतत आर्थिक वृद्धि, निरंतर सुधारों और उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों के कारण इसी वर्ष जुलाई में एफपीआइ ने घरेलू इक्विटी बाजारों में 32,365 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इससे पहले जून में राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण 26,565 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।

हालांकि, इस वर्ष डेट या बांड बाजारों में एफपीआइ की निवेश जारी है। अगस्त में अब तक एफपीआइ डेट बाजारों में 6,261 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। इसके साथ एफपीआइ का डेट बाजारों में कुल निवेश बढ़कर 97,249 करोड़ रुपये हो गया है। 2024 में अब तक इक्विटी, डेट और अन्य इस्ट्रूमेंट्स में कुल निवेश 1.31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।

बिकवाली पर जारी रह सकता है जोर

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि यदि आने वाले समय में घरेलू बाजारों में तेजी जारी रहती है तो एफपीआइ अधिक बिकवाली पर जोर दे सकते हैं। इसका कारण यह है कि भारतीय शेयरों का मूल्यांकन काफी ऊंचा बना हुआ है।

एफपीआइ की ताजा निकासी का प्रमुख कारण बैंक आफ जापान की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि से जापानी मुद्रा येन में तेजी और अमेरिका में मंदी की आशंका रहे हैं। मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि भारतीय बाजारों का ज्यादा मूल्यांकन विदेशी निवेशकों को आकर्षक मुनाफावसूली का अवसर प्रदान कर रहा है।

शीर्ष आठ कंपनियों का पूंजीकरण घटा

बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में रही गिरावट के कारण बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष-10 में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 1,66,954.07 करोड़ रुपये की गिरावट रही है। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा 33,930.56 करोड़ रुपये की कमी हुई है। इसके अलावा एलआइसी, एसबीआइ, इन्फोसिस, टीसीएस, भारती एयरटेल, आइसीआइसीआइ बैंक और एचडीएफसी बैंक का पूंजीकरण भी घटा है। दूसरी ओर, हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड और आइटीसी का पूंजीकरण बढ़ा है।

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