Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण भारत में बिकवाली जारी रखेगा FPI

अमेरिका में बढ़ती बॉन्ड पैदावार इक्विटी बाजारों को प्रभावित कर रही है। जुलाई में फेड की ओर से दर में कटौती की उम्मीद अब धूमिल होती जा रही है क्योंकि श्रम बाजार में गिरावट जारी है। फेड प्रमुख हाल ही में नरम रुख अपना रहे हैं लेकिन बाजार अब 2024 में 3 दरों में कटौती के बारे में कम आशावादी है। वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों पर दबाव बना रहेगा।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 03 Apr 2024 04:01 PM (IST)
Hero Image
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण भारत में बिकवाली जारी रखेगा FPI

आईएएनएस, नई दिल्ली। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि अमेरिका में बढ़ती बॉन्ड पैदावार इक्विटी बाजारों को प्रभावित कर रही है। जुलाई में फेड की ओर से दर में कटौती की उम्मीद अब धूमिल होती जा रही है क्योंकि श्रम बाजार में गिरावट जारी है।

उन्होंने कहा, भारत में एफपीआई बिकवाली जारी रख सकते हैं। कच्चे तेल ब्रेंट 89 डॉलर पर के बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है जिससे फेड की कटौती करने की क्षमता बाधित होगी। भले ही फेड प्रमुख हाल ही में नरम रुख अपना रहे हैं, लेकिन बाजार अब 2024 में 3 दरों में कटौती के बारे में कम आशावादी है। यह वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों पर दबाव बना रहेगा।

भारत में बिकवाली जारी रखेगा FPI

यह संभव है कि डिप्स को खरीदा जाएगा क्योंकि यह भारत में एक सफल रणनीति रही है और घरेलू पैसा यहां शॉट्स लगा रहा है। चूंकि निफ्टी मार्च के निचले स्तर से 3 फीसदी ऊपर है, इसलिए बाजार लचीला है और धारणा मजबूत है। उन्होंने कहा, वैल्यूएशन का आराम लार्ज कैप में है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कहा कि उसने निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए डेरिवेटिव अनुबंधों के व्यापार के लिए लॉट साइज को आधा कर 25 कर दिया है और अपने आवधिक हिस्से के रूप में दो अन्य इंडेक्स के लिए लॉट साइज को कम कर दिया है। 

यह भी पढ़ें - Kala Namak Rice Export: इस किस्म के चावल निर्यात को मिली सरकार की मंजूरी, 1000 टन चावल पर नहीं लगेगा शुल्क

जीडीपी विकास अनुमान 20 अंक तक बढ़ेगा

विश्व बैंक ने 2 अप्रैल को वित्त वर्ष 2025 में भारत के लिए अपना जीडीपी विकास अनुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया। वित्त वर्ष 2015 के लिए वैश्विक एजेंसी का अनुमान चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अनुमान की तुलना में काफी मध्यम है। हालांकि, उसे उम्मीद है कि अगले वर्षों में विकास में तेजी आएगी क्योंकि एक दशक के मजबूत सार्वजनिक निवेश से लाभांश मिलना शुरू हो जाएगा।

यह भी पढ़ें -Air India यात्रियों के लिए लाया जबरदस्‍त ऑफर, एयरलाइन के नए Reward Programme में मिलेगा एक्‍स्‍ट्रा...