पीटीआई, नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में आज सरकार ने बताया कि पिछले पांच
वित्तीय वर्षों (2018-19 से लेकर 2022-230) के दौरान बैंकों ने 10.57 लाख करोड़ रुपये राइट-ऑफ किए हैं, जिनमें से 5.52 लाख करोड़ रुपये बड़े उद्योगों से संबंधित लोन थे।
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा,
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान कुल 10.57 लाख करोड़ रुपये की लोन की राशि राइट-ऑफ की है। इसके अलावा एससीबी ने इस अवधि के दौरान 7.15 लाख करोड़ रुपये के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) भी वसूल किए हैं।
एक दूसरे सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने बाताय,
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान बड़े उद्योगों और सेवाओं से संबंधित ऋणों के संबंध में 5.52 लाख करोड़ रुपये की कुल राशि राइट-ऑफ की है। इसमें पांच साल की अवधि के दौरान सभी बैंकों द्वारा धोखाधड़ी के कारण बट्टे खाते में डाले गए 93,874 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
नियमित अंतराल पर बैंक करते हैं समीक्षा
वित्त राज्य मंत्री कराड ने कहा कि बैंक दिशानिर्देशों और नीतियों के अनुसार, अपनी बैलेंस शीट को साफ करने, और पूंजी को अनुकूलित करने के अभ्यास के हिस्से के रूप में नियमित रूप से राइट-ऑफ के प्रभाव का मूल्यांकन करते हैं।
देनदार को राइटऑफ से नहीं होता फायदा
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि पैसों को राइट ऑफ करने से लेनदार को देनदारियों से छूट नहीं मिलती है और इसलिए, बट्टे खाते में डालने से लेनदार को कोई लाभ नहीं होता है। बट्टे खाते में डाले गए राशि के बावजूद बैंक कर्ज वसूलते हैं।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 15 हजार करोड़ की जब्त की संपत्ति
वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 15,186.64 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और लगभग पूरी रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस किए गए। एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि विभिन्न कानूनी प्रविधानों के तहत डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होने सदन को बताया कि 31 मार्च, 2023 तक वसूली के लिए 13,978 लोक अकाउंट के खिलाफ मुकदमे दायर किए गए हैं। इनमें से 11,483 मामलों में सरफेसी अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई और कुल 33,801 करोड़ रुपये की वसूली की गई।
जीएसटी चोरी में 71 आनलाइन गेमिंग कंपनियों को नोटिस
वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कथित
जीएसटी चोरी के लिए आनलाइन गेमिंग कंपनियों को 71 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष यानी अक्टूबर, 2023 तक केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई कुल जीएसटी चोरी 1.51 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 154 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक 18,541 करोड़ रुपये की वसूली की गई। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने जीएसटी चोरी का विवरण देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में 1.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक की चोरी का पता चला और 190 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वित्त वर्ष के दौरान कुल 33,226 करोड़ रुपये की वसूली की गई। 2021-22, 2020-21 और 2019-20 में जीएसटी चोरी क्रमश: 73,238 करोड़ रुपये, 49,384 करोड़ रुपये और 40,853 करोड़ रुपये रही। चौधरी ने यह भी बताया अक्टूबर, 2023 के बाद से किसी भी विदेशी आनलाइन गे¨मग कंपनी ने देश में पंजीकरण नहीं कराया है।
24 हजार करोड़ की कर चोरी का पता लगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि जीएसटी अधिकारियों ने दो महीने के विशेष अभियान के दौरान 21,791 फर्जी जीएसटी पंजीकरण और 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध कर चोरी का पता लगाया है।
एक लाख करोड़ का जीवाश्म ईंधन आयात हो सकता है कम
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि भारत 2030 तक अपनी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्त्रोतों से करने की राह पर है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गैर-जीवाश्म स्त्रोत से देश की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 186.46 गीगावाट (जीडब्ल्यू) है, जो इसकी कुल स्थापित क्षमता का 43.82 प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत पांच मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) स्थापित क्षमता के साथ, भारत 2030 तक एक लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकता है। जनवरी 2023 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी थी।