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तय समय में आसानी से औद्योगिक मंजूरी की जरूरत, उद्योग मंत्री को क्यों कहनी पड़ी ये बात?

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि राज्यों में औद्योगिक मंजूरी निर्धारित समय में आसानी से देने की जरूरत है। हमलोग ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिसके तहत औद्योगिक या कारोबारी मंजूरी के लिए उद्यमियों को सरकारी कार्यालय या सरकारी कर्मचारियों के पास आने की जरूरत नहीं हो। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सभी सेक्टर में मिलकर काम कर सकते हैं जिससे रोजगार के अधिक अवसर निकलेंगे।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Thu, 05 Sep 2024 08:38 PM (IST)
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गोयल ने राज्यों से कहा कि निर्यात प्रोत्साहन सिर्फ केंद्र का काम नहीं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि देश में कारोबारी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए वास्तविक रूप में एक सिंगल विंडो की जरूरत है। उनका कहने का अभिप्राय यह था कि कहने के लिए तो सभी जगह सिंगल विंडो होते हैं, लेकिन उद्यमियों को उस सिंगल विंडो पर तमाम जरूरी मंजूरी नहीं मिल पाती है।

गुरुवार को नई दिल्ली में राज्यों के उद्योग व वाणिज्य मंत्रियों के साथ उद्योग समागम नामक बैठक के संबोधन में गोयल ने कहा कि अगर सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश औद्योगिक मंजूरी के लिए एक प्लेटफार्म पर आ जाते हैं तो सभी राज्यों में वैश्विक निवेश होगा। समागम में 16 राज्यों के उद्योग व वाणिज्य मंत्रियों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।

गोयल ने कहा कि राज्यों में औद्योगिक मंजूरी निर्धारित समय में आसानी से देने की जरूरत है। हमलोग ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिसके तहत औद्योगिक या कारोबारी मंजूरी के लिए उद्यमियों को सरकारी कार्यालय या सरकारी कर्मचारियों के पास आने की जरूरत नहीं हो। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सभी सेक्टर में मिलकर काम कर सकते हैं जिससे रोजगार के अधिक अवसर निकलेंगे।

विदेशी निवेश से सभी राज्यों को लाभ

केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सभी राज्यों में एक समान अवसर का सृजन किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के इस प्रयास से हो रहे विदेशी निवेश से सभी राज्यों को लाभ मिल रहा है। केंद्र सरकार बहुत ही गंभीरता से भारत को विदेशी निवेश का बड़ा केंद्र बनाने के लिए प्रयासरत है।

गोयल ने कहा कि औद्योगिक विकास को लेकर सभी राज्यों ने जो अच्छे चलन अपनाए हैं, उससे अन्य राज्यों को सीखने और उसे अपनाने की जरूरत है। जैसे राजस्थान की पर्यटन नीति तो सिक्किम के आर्गेनिक फार्मिंग की नीति से अन्य राज्य सीख सकते हैं।

गोयल ने राज्यों से कहा कि निर्यात प्रोत्साहन सिर्फ केंद्र का काम नहीं है। राज्य व केंद्र को मिलकर निर्यात को आगे बढ़ाना होगा। इससे रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी। आगामी 13 सितंबर को मुंबई में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक में निर्यात प्रोत्साहन पर विशेष चर्चा की जाएगी।

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