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मैन्यूफैक्चरिंग ने किया कमाल, विकास दर आठ के पार

कृषि सेक्टर में गिरावट और सर्विस सेक्टर के स्थिर प्रदर्शन के बावजूद जीडीपी आंकड़ें ने चौंकाया। अक्टूबर से दिसंबर 2023 में देश की अर्थव्यवस्था में 8.4 फीसद की विकास दर हासिल करने में मैन्यूफैक्चरिंग खनन और कंस्ट्रक्शन उद्योग ने सबसे अहम भूमिका निभाई है। इन तीनों में मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें लगातार दूसरी तिमाही में भी दोहरे अंक में (11.6 फीसद) वृद्धि दर्ज की है।

By Jagran News Edited By: Ankita Pandey Updated: Thu, 29 Feb 2024 09:05 PM (IST)
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मैन्यूफैक्चरिंग ने किया कमाल, GDP गोर्थ 8.4 पहुंची

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर, 2023) में देश की अर्थव्यवस्था में 8.4 फीसद की विकास दर हासिल करने में मैन्यूफैक्चरिंग, खनन और कंस्ट्रक्शन उद्योग ने सबसे अहम भूमिका निभाई है।

इन तीनों में मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें लगातार दूसरी तिमाही में भी दोहरे अंक में (11.6 फीसद) वृद्धि दर्ज की है जो बताता है कि देश की अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग में निवेश बढ़ने का मतलब है कि यह देश में संपत्ति का निर्माण हो रहा है और लोगों को ज्यादा रोजगार मिलने का रास्ता साफ हो रहा है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के इस डाटा को अधिकांश विशेषज्ञों ने उम्मीद से भी बेहतर बताया है। साथ ही विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था में सकल मूल्य व‌र्द्धन (जीवीए) की विकास दर ( 6.5 फीसद) और जीडीपी की विकास दर में बढ़ते अंतर को लेकर भी आश्चर्य जताते हुए कहा है कि इसे लंबे समय तक बना कर नहीं रखा जा सकता।

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देश की इकोनमी लगा सकती है 7-8 फीसद की छलांग

एनएसओ ने अर्थव्यवस्था को लेकर जो आंकड़े पेश किये हैं उससे यह भी पता चलता है कि कृषि क्षेत्र की विकास दर के खास नहीं रहने के बावजूद देश की इकोनमी 7-8 फीसद की छलांग लगा सकती है। कृषि सेक्टर में इस तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2023) में 0.8 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इस सेक्टर में 5.2 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। इसका मतलब साफ है कि इस साल रबी की पैदावार उम्मीद से खराब रही है, हालांकि अभी तक सरकारी एजेंसियां इस बात से इनकार करती रही हैं।

बहरहाल, इस अवधि में मैन्यूफैक्चरिंग की विकास दर 11.6 फीसद रही है जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में इसमें 4.8 फीसद की गिरावट हुई थी। पिछले वर्ष जहां लगातार दो तिमाहियों में इस सेक्टर में गिरावट हुई थी वहीं इस साल लगातार दो तिमाहियों में इसकी वृद्धि दर दोहरे अंक में रहने का संकेत मिल रहा है।

कंस्ट्रक्शन में 9.5 फीसद की वृद्धि

कंस्ट्रक्शन में इस साल भी 9.5 फीसद की वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष भी यहीं वृद्धि दर थी। बिजली, गैस, जलापूर्ति सेक्टर की वृद्धि दर इस दौरान क्रमश: 9 फीसद और 8.7 फीसद रही है। दोनों तरह के सर्विस सेक्टर (वित्तीय और ट्रेड, होटल आदि) की वृद्धि दर सात फीसद से नीचे बनी हुई है और इनका प्रदर्शन पिछले साल के समान अवधि के मुकाबले कमतर रहा है, यह सरकार के लिए चिंता की बात हो सकती है। देश की इकोनमी में सर्विस सेक्टर की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी के बावजूद सात फीसद की विकास दर को असंतोषजनक माना जाएगा।

एनएसओ ने पूरे वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर के 7.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। यह एनएसओ का दूसरा अनुमान है। पहले इसके 7.3 फीसद रहने की बात कही गई थी। एनएसओ के मुताबिक तीसरी तिमाही में जीडीपी का आकार 43.72 लाख करोड़ रुपये की रही है जो अक्टूबर-दिसंबर, 2022 के 40.35 लाख करोड़ रुपये से 8.4 फीसद ज्यादा रही है। जबकि पूरे वर्ष के दौरान जीडीपी का आकार 172.90 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है जो वर्ष 2022-23 के मुकाबले 7.6 फीसद ज्यादा रहेगी। प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,10,679 रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है जो वर्ष 2022-23 में 1,94,970 रुपये रही थी।

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