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Economic Stability : बेहतर मानसून और मैन्यूफैक्चरिंग का लगातार बढ़ना विकास के लिए अच्छा संकेत- वित्त मंत्रालय

हाल के वर्षों में पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर ने प्रमुख बुनियादी ढांचे में निवेश पर जोर दिया है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन आय मांग और निर्यात में तेजी लाने के लिए निजी निवेश में वृद्धि हुई है। एक्सिस बैंक बिजनेस एंड इकोनमिक रिसर्च के अनुसारहोटल स्टील कपड़ा सीमेंट और अन्य धातुओं में भारी निवेश के चलते वित्त वर्ष 2022-23 में कारपोरेट क्षेत्र में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Fri, 04 Aug 2023 12:25 AM (IST)
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हाल के वर्षों में पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर ने प्रमुख बुनियादी ढांचे में निवेश पर जोर दिया है।

नई दिल्ली, पीटीआई। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि बेहतर मानसून, मैन्यूफैक्चरिंग के लगातार बढ़ने और सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों द्वारा किए जाने वाला पूंजीगत खर्च आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि मंत्रालय ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि सीमापार से आने वाली नकारात्मक खबरें और वैश्विक विकास का धीमा पड़ना ऊंची विकास दर को प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

प्रमुख बुनियादी ढांचे में निवेश पर जोर

हाल के वर्षों में पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर ने प्रमुख बुनियादी ढांचे में निवेश पर जोर दिया है। इसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन, आय, मांग और निर्यात में तेजी लाने के लिए निजी निवेश में वृद्धि हुई है। एक्सिस बैंक बिजनेस एंड इकोनमिक रिसर्च के अनुसार, होटल, स्टील, कपड़ा, सीमेंट और अन्य धातुओं में भारी निवेश के चलते वित्त वर्ष 2022-23 में कारपोरेट क्षेत्र में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

निजी खपत में सुधार होने की उम्मीद

इसमें कहा गया है कि मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ निजी खपत में भी सुधार होने की उम्मीद है। हाल के महीनों में खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी देखी गई है और यह लगातार चार महीनों से आरबीआइ की सहनीय सीमा छह प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। एक्सिस बैंक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सेवा निर्यात में मजबूत प्रदर्शन के कारण भारत के निर्यात में भी अच्छा प्रदर्शन होने की उम्मीद है।

भारत के सेवा निर्यात में और वृद्धि होने की उम्मीद

बढ़ते डिजिटलीकरण, दूर से काम करने की बढ़ती प्राथमिकता और वैश्विक क्षमता केंद्रों के बढ़ते प्रसार से भारत के सेवा निर्यात में और वृद्धि होने की उम्मीद है। सप्लाई चेन में ढील और वैश्विक कमोडिटी कीमतों में गिरावट के साथ आने वाले वर्षों में व्यापार घाटे में सुधार होने की उम्मीद है। इसमें यह भी कहा गया है कि 2023 की पहली छमाही में अनुमान से बेहतर वैश्विक विकास की संभावनाओं का मतलब है कि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं।