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Paytm: सिर्फ बोर्ड बदलने से संतुष्ट नहीं होगा RBI, विजय शेखर शर्मा के चेयरमैन पद छोड़ने के बाद भी चुनौती बरकरार

सोमवार को पेटीएम पेमेंट बैंक के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने इस्तीफा दे दिया था। इस बैंक की प्रवर्तक कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशंस की तरफ से बताया गया था कि बैंक के बोर्ड को पुनर्गठित किया जा रहा है। आरबीआइ ने हाल ही में पेटीएम बैंक पर 15 मार्च 2024 के बाद से अपने ग्राहकों से जमा स्वीकार नहीं करने और कर्ज नहीं देने का आदेश दिया है।

By Jagran News Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Tue, 27 Feb 2024 09:18 PM (IST)
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विजय शेखर शर्मा के बाद जो नया बोर्ड गठित किया गया है उसमें चार स्वतंत्र निदेशक हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Paytm Payments Bank आरबीआइ (RBI) के सख्त तेवर देखते हुए विवादों में फंसी पेटीएम पेमेंट बैंक के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने चेयरमैन का पद छोड़ दिया है और इसके प्रबंधन के लिए नया बोर्ड गठित कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे आरबीआइ संतुष्ट हो जाएगा। जानकारों की मानें आरबीआइ सिर्फ बोर्ड बदलने से अपना सख्त रवैया नहीं छोड़ने वाला बल्कि अगले कुछ हफ्तों के दौरान बैंक के नये बोर्ड के काम-काज की समीक्षा के बाद ही अपना रूख तय करेगा।

उधर, बैंक के नये बोर्ड से जुड़े लोगों का का कहना है कि उनका काम पहले चेयरमैन की नियुक्ति करना है और उसके बाद जितनी जल्दी हो आरबीआइ की तरफ से बताये गये नीतिगत खामियों को दूर करना है। बैंक का नया बोर्ड उन सभी नियमों को पूरी तरह से पालन करने के लिए कदम उठाएगा जिसमें खामी पाये जाने पर आरबीआइ ने उस पर बहुत सारे प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को दिया इस्‍तीफा

सोमवार को पेटीएम पेमेंट बैंक के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बैंक की प्रवर्तक कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशंस की तरफ से बताया गया था कि बैंक के बोर्ड को पुनर्गठित किया जा रहा है।

रिजर्व बैंक ने नियमों का पालन नहीं करने को लेकर लगाई है पाबंदी

आरबीआइ ने हाल ही में पेटीएम बैंक पर 15 मार्च, 2024 के बाद से अपने ग्राहकों से जमा स्वीकार नहीं करने और कर्ज नहीं देने का आदेश दिया है। पहले यह सीमा 29 फरवरी ही थी। आरबीआइ का कहना है कि यह कदम लगातार पेटीएम पेमेंट बैंक की तरफ से नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने की वजह से उठाया गया है।

नए बोर्ड में चार स्‍वतंत्र निदेशक

बहरहाल, विजय शेखर शर्मा के बाद जो नया बोर्ड गठित किया गया है उसमें चार स्वतंत्र निदेशक हैं। इसमें दो सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हैं। इनके नाम हैं देबेन्द्रनाथ सारंगी और रजनी शेखरी सिबल। जबकि दो सदस्य श्रीनिवास श्रीधर (सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन) और अशोक कुमार गर्ग (बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व ईडी)। बैंक में वन97 कम्यूनिकेशंस की तरफ से नियुक्त दो स्वतंत्र निदेशकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है जबकि पहले दो स्वयंत्र निदेशक (अर¨वद कुमार जैन व सुरेन्द्र कुमार चावला) इसमें बने हुए हैं। बताया गया है कि इनमें से किसी एक को पेटीएम बैंक का नया चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा और उसके बाद आगे बैंक के काम-काज को सुधारने की प्रक्रिया शुरू होगी।

वित्त मंत्रालय भी रख रहा पैनी नजर

वित्त मंत्रालय की नजर भी पेटीएम बैंक में चल रहे इन गतिविधियों पर है लेकिन सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इस बारे में जो भी फैसला होगा वह आरबीआइ को ही करना है। आरबीआइ के स्तर पर जो जानकारी बाहर आ रही है उससे साफ है कि केंद्रीय बैंक को संतुष्ट करना पेटीएम बैंक के नये बोर्ड के लिए भी आसान नहीं होगा। लेकिन शर्मा और उनके प्रतिनिधियों के बोर्ड से बाहर होने के बाद यह भरोसा बढ़ा है कि पेटीएम बैंक अब एक स्वतंत्र वित्तीय संस्थान के तौर पर ज्यादा बेहतर काम कर सकेगा।

आरबीआइ यह देखेगा कि पूर्व में बैंक के प्रबंधन के साथ विमर्श जिन खामियों को सामने लाया गया है उनको दूर करने के लिए नया प्रबंधन क्या कदम उठाता है। साथ ही ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए बैंक की तरफ से क्या पुख्ता कदम उठाए जाते हैं।