PLI स्कीम के तहत टेलीकॉम कंपनियों ने अब तक किया 2419 करोड़ का निवेश, 17753 लोगों को मिला रोजगार
पीएलआई स्कीम के तहत टेलीकॉम कंपनियों का निवेश अब तक आधे से ज्यादा 2419 करोड़ रुपये रहा है जिसके कारण 17753 नौकरियां पैदा हुईं। सरकार अक्टूबर 2022 में पीएलआई के तहत कुल 42 टेलीकॉम कंपनियों का चयन किया था जो कुल 4115 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इन कंपनियों से सरकार का लक्ष्य पीएलआई स्कीम के 6 साल पूरे होने तक 44000 से अधिक लोगों को रोजगार दिलाना है।
एजेंसी, नई दिल्ली: टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) के तहत दूरसंचार कंपनियों का निवेश 2,419 करोड़ रुपये के आधे स्तर को पार कर गया है, जिसके परिणामस्वरूप 17,753 लोगों को रोजगार मिला है।
आपको बता दें कि सरकार ने अक्टूबर 2022 में 42 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया था जो कुल 4,115 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे और 2026 में पीएलआई स्कीम के 6 साल पूरा होने पर 2.45 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त सेल उत्पन्न कर और 44,000 से अधिक लोगों को रोजगार देंगे।
मेक इन इंडिया को मिल रही है सफलता
घरेलू फर्म वीवीडीएन द्वारा यूएस-आधारित टेलिट सिंटरियन के लिए 4जी और 5जी कनेक्टिविटी मॉड्यूल और डेटा कार्ड बनाने के लिए एक उत्पादन लाइन के आभासी उद्घाटन के दौरान टेलीकॉम मंत्री ने कहा कि
जटिल विनिर्माण शुरू हो गया है और युवा लड़कियों को जटिल मशीनों को संभालने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह मेक इन इंडिया की सफलता है, और यह हमारे प्रधानमंत्री के विजन की सफलता है।
वीवीडीएन हुई है पीएलआई के लिए शॉर्टलिस्ट
आपको बता दें कि वीवीडीएन पीएलआई योजना के तहत शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों में से एक है। अश्विनी वैष्णव ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि 'मेक इन इंडिया' के आलोचकों को वीवीडीएन प्लांट का दौरा करना चाहिए और देखना चाहिए की देश दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में कितनी गहराई हासिल कर रहा है।
दूरसंचार उपकरणों का निर्यात अकल्पनीय: वैष्णव
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश में लंबे समय से दूरसंचार उपकरणों का आयात किया जा रहा है और देश से दूरसंचार उपकरणों का निर्माण और निर्यात करना अकल्पनीय है।
उन्होंने कहा कि
आज, भारत में निर्मित दूरसंचार उपकरण अमेरिका, यूरोपीय देशों और जापान जैसे कई देशों में निर्यात किए जाते हैं। ये अत्यधिक विकसित देश हैं और हमें गर्व है कि इन देशों में हमारे उत्पादों को उच्च गुणवत्ता के रूप में स्वीकार किया जाता है। हमें उत्पादों की गुणवत्ता और अपनी उत्पादन प्रणाली में निरंतरता बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए
5G इकोसिस्टम में भारत तीसरा बड़ा देश
उन्होंने कहा कि 5G पिछले साल लॉन्च किया गया था और एक साल के भीतर भारत दुनिया में 5G के लिए तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन गया है।