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जुलाई माह में थोक महंगाई में मिली राहत; लेकिन निर्यात की स्थिति भी बिगड़ी

जुलाई में तीन नए आंकड़ें सामने आए हैं जो थोक महंगाई देश के आयात-निर्यात और घरेलू बाजार में कारों की बिक्री की ओर इशारा करते हैं। जहां एक तरफ थोक महंगाई में राहत मिली है वहीं जुलाई में आयात में 7.45 फीसद की वृद्धि देखी गई है। इसके साथ ही आटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री इसी महीने 2.5 फीसद घट गई है।

By Jagran News Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 14 Aug 2024 07:29 PM (IST)
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2.5 फीसदी घटी आटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार को देश की इकोनमी से जुड़े तीन आंकड़ें जारी हुए हैं। एक आंकड़ा थोक महंगाई को लेकर है जबकि दूसरा जुलाई माह में देश के आयात-निर्यात का है। तीसरा आंकड़ा घरेलू बाजार में कारों की बिक्री को लेकर है। थोक महंगाई की दर जुलाई माह में घट कर 2.03 फीसद पर आ गई है जो आरबीआई व वित्त मंत्रालय दोनों के लिए अच्छी खबर है।

लेकिन इसी महीने निर्यात 1.2 फीसद घट कर 33.98 अरब डॉलर पर आ गया है जबकि आयात में 7.45 फीसद की वृद्धि हुई है। देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का नब्ज बताने वाले आटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री इसी महीने 2.5 फीसद घट गई है। आटोमोबाइल सेक्टर देश के कुल मैन्यूफैक्चरिंग में 20 फीसद योगदान देता है।

थोक महंगाई की दर तीन महीनों के न्यूनतम स्तर पर

सरकार की तरफ से जारी थोक महंगाई दर के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई, 2024 में यह दर 2.04 फीसद रही थी। मानसून के बावजूद खाने पीने की चीजों खास तौर सब्जियों की थोक कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। एक महीने पहले थोक महंगाई की दर 3.36 फीसद थी जबकि एक वर्ष पहले जुलाई, 2023 में मंहगाई की दर शून्य से भी नीचे 1.23 फीसद थी।

आंकड़ों से साफ होता है कि जुलाई, 2024 की खाद्य उत्पादों की थोक महंगाई दर 3.45 फीसद थी जबकि जून, 2024 में यह 10.87 फीसद रही थी। इसके बाद ही मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने थोक महंगाई को एक बड़ी चुनौती के तौर पर चिन्हित किया था।

सब्जियों की थोक कीमत ही इस एक महीने में 38.76 फीसद से घट कर 8.93 फीसद आ गई है। बहरहाल, लंबे अर्से बाद थोक महंगाई और खुदरा महंगाई की दरें आरबीआई की तरफ से निर्धारित लक्ष्य चार फीसद से नीचे के स्तर पर आई हैं। इसी हफ्ते जारी डाटा बताते हैं कि जुलाई माह में खुदरा महंगाई की दर पांच वर्षों के न्यूनतम स्तर पर 3.54 फीसद पर आ गई है।

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निर्यात में 1.2 फीसद की गिरावट

हाल के महीनों में निर्यात के मोर्चे पर देश का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। जुलाई माह में यह 1.2 फीसद की गिरावट के साथ यह 33.98 अरब डॉलर पर आ गया है। वैसे तीन महीनों बाद निर्यात में कमी दर्ज की गई है। इस दौरान आयात 7.58 फीसद की वृद्धि के साथ 57.48 अरब डॉलर हो गया है।

आयात बढ़ने के पीछे इलेक्ट्रोनिक्स उत्पादों, कच्चे तेल व चांदी आयात में वृद्धि को बताया गया है। इससे देश का व्यापार घाटा 23.5 अरब डॉलर का हो गया है। जून, 2024 में व्यापार घाटा (आयात व निर्यात का अंतर) 21 अरब डॉलर का और जून, 2023 में 19.3 अरब डॉलर का था। जुलाई माह में सरकार ने सोने के आयात पर शुल्क घटाया था और जो आंकड़े सामने आये हैं उससे पता चलता है कि सोना आयात 10.65 फीसद घट कर 3.13 अरब डॉलर का रह गया है। लेकिन इलेक्ट्रोनिक्स सामानों के आयात में 37.31 फीसद की वृद्धि दर्ज हुआ है जो सरकार के लिए चिंता की बात हो सकती है।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि अभी जो अंतरराष्ट्रीय कारोबार का ट्रेंड है उसको देखते हुए वर्ष 2024-25 में भारत से उत्पादों व सेवाओं का निर्यात पिछले वर्ष के 778 अरब डॉलर के स्तर को आसानी से पार कर सकता है। इस दौरान चीन को निर्यात में 9.44 फीसद की गिरावट आई है जबकि वहां से होने वाले आयात में 13 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।

घरेलू बाजार में पैसेंजर वाहनों की बिक्री घटी

घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई, 2024 में 2.3 फीसद घट कर 3,41,510 रही है। वाहनों की बिक्री में इस कमी के लिए ग्राहकों की मांग के साथ ही कंपनियों की तरफ से कम आपूर्ति को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों से बाजार की मांग से ज्यादा आपूर्ति कर रही थी और अब उन्होंने आपूर्ति कम दी है। भारतीय आटोमोबाइल सेक्टर के लिए पिछले दो साल काफी अच्छे रहे हैं। लेकिन अब संकेत है कि मांग संकुचित हो रहा है। ऐसा हर दो वर्षों बाद होता है।

सोसायटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्रस (सियाम) की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि कार कंपनियों ने जुलाई, 2023 में अपने डीलरों को कुल 3,50,355 वाहनों की आपूर्ति की थी। इस महीने मोटरसाइकिलों की थोक बिक्री 12.5 फीसद (14,41,694) और स्कूटरों की बिक्री 29.2 फीसद (5,53,642) बढ़ी है।

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