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लुटियंस दिल्ली में भी नजर आएगा घंटाघर, एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर ढूंढी जा रही उपयुक्त जगह

एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर जगह ढूंढ रहे हैं लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) का मुख्यालय पालिका केंद्र जहां हैं वहां पर पहले नई दिल्ली टाउन हॉल नाम से एक इमारत एनडीसीसी फेज -2 की जगह हुआ करती थी।

By Nihal Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 12 Apr 2024 08:49 PM (IST)
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लुटियंस दिल्ली में भी नजर आएगा घंटाघर।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। 1980 से पहले जिस प्रकार से नई दिल्ली टाउन हॉल में घंटाघर हुआ करता था, वैसा ही घंटाघर अब लुटियंस दिल्ली में नजर आएगा। हालांकि यह कहां होगा, अभी इसके लिए स्थान चिह्नित नहीं हुआ है, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर एनडीएमसी उस उपयुक्त जगह को ढूंढने में लगी है।

संभवतः यह स्थान कनॉट प्लेस या इसके आस-पास के इलाकों में ही हो सकता है। जहां पर आसानी से रोड से गुजरने वाले लोगों को वह घंटाघर समय बताएगा। एनडीएमसी की कोशिश हैं कि ऐसे स्थान पर यह घंटाघर बनाया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इससे समय देख सकें।

एलजी सक्सेना घंटे के लिए ढूंढ़ रहे जगह

एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर जगह ढूंढ रहे हैं, लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) का मुख्यालय पालिका केंद्र जहां हैं वहां पर पहले नई दिल्ली टाउन हॉल नाम से एक इमारत एनडीसीसी फेज -2 की जगह हुआ करती थी।

ब्रिटेन की रेलवे कंपनी ने इन घंटों का किया था निर्माण

1933 में वह इमारत बनी थी। जिसमें ऊपर घंटाघर बना हुआ था, जिसमें 4 भारी भरकम घंटे भी लटके हुए थे। यह घंटे ब्रिटेन से उस समय की इम्पीरियल मुनिसिपलिटी ने मंगाए थे। ब्रिटेन की रेलवे कंपनी ने इन घंटों का निर्माण किया था। उस समय इन घंटों को हर घंटे के अंतराल पर समय से बजाया जाता था। बकायदा इसके लिए उस समय मुनिसिपलिटी में कर्मचारी भी रखे जाते थे। जो दिन में हर घंटे अनुसार घंटे बजाकर नागरिकों को समय से अवगत कराते थे।

नई दिल्ली टाउन हॉल को तोड़कर जब जब नया मुख्यालय पालिका केंद्र की इमारत को 1982 में बना दिया गया तो शिवाजी स्टेडियम के पुनर्विकास के बाद टाउन हाल की घड़ी को वहां मैग्जीन मार्केट के ऊपर लगा दिया गया। राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान फिर शिवाजी स्टेडियम का पुननिर्माण हुआ तो यह घड़ी यहां से गायब हो गई।

4 घंटे टाउन हॉस में लगाए गए थे

पालिका केंद्र बना तो जो 4 घंटे टाउन हॉल में लगाए गए थे तो उन्हें पालिका मुख्यालय के प्रवेश द्वारा पर अंदर ही इमारत में लटका दिया गया, लेकिन यह घंटे इतने भारी थे कि एक दिन गिर गए और इनमें से 2 टूट भी गए। जिन्हें एनडीएमसी ने उठाकर मुख्यालय के अंदर ही रिसेप्शन के पास बरामदे में पारदर्शी फ्रेम में रखा हुआ है। इनके स्थान पर एनडीएमसी ने अब हल्की फैंसी घण्टियां लटका रखी हैं।

अधिकारी ने बताया कि भले ही आज का समय स्मार्ट घड़ियों का है और शहर भी चाहे कितने ही स्मार्ट हो जाये लेकिन शहर को पहचान तो घंटाघर ही देते हैं।

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