Air Pollution: फरवरी में दिल्ली रहा देश का 14वां सबसे प्रदूषित शहर, जानिए पहले नंबर पर कौन
फरवरी में मेघालय और असम सीमा पर स्थित शहर बर्नीहाट भारत का सबसे प्रदूषित शहर था। इसके बाद अररिया हापुड़ हनुमानगढ़ नलबाड़ी मुजफ्फरनगर भागलपुर बक्सर ग्रेटर नोएडा और छपरा क्रमश दूसरे से दसवें स्थान पर शामिल हैं। विशेष बात यह है कि शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में केवल दो शहर ही अभी तक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) का हिस्सा हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सेंटर फार रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) द्वारा मासिक वायु गुणवत्ता विश्लेषण ने पूरे भारत में वायु प्रदूषण के स्तर पर तस्वीर साफ की है। विश्लेषण में फरवरी 2024 के लिए मासिक औसत पीएम 2.5 की मात्रा के आधार पर शहरों की रैंकिंग की गई और पाया गया कि इस माह में मेघालय और असम सीमा पर स्थित शहर बर्नीहाट भारत का सबसे प्रदूषित शहर था।
दूसरे नंबर पर अररिया
इसके बाद अररिया, हापुड़, हनुमानगढ़, नलबाड़ी, मुजफ्फरनगर, भागलपुर, बक्सर, ग्रेटर नोएडा और छपरा क्रमश: दूसरे से दसवें स्थान पर शामिल हैं। विशेष बात यह है कि शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में, केवल दो शहर ही अभी तक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) का हिस्सा हैं। अन्य आठ शहरों में खतरनाक वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कोई कार्ययोजना या नीति भी नहीं है।
विश्लेषण बताता है कि दिल्ली की हवा में जनवरी के मुकाबले कुछ सुधार हुआ है जिसके फलस्वरूप फरवरी में यह 14वां सबसे प्रदूषित शहर रहा। 2016 के बाद से फरवरी के महीने में बीते इस साल फरवरी में पीएम 2.5 की मात्रा राजधानी में सबसे कम दर्ज की गई। यह बात अलग है कि अभी भी यह मानकों से कहीं ज्यादा है।
फरवरी में पीएम 2.5 का स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई, जो सीपीसीबी द्वारा निर्धारित दैनिक मानकों से लगभग दो गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्धारित सुरक्षित स्तर से सात गुना अधिक थी। मध्य प्रदेश का सतना फरवरी 2024 में डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देशों का अनुपालन करने वाला देश का एकमात्र शहर था।
पिछले साल के मुकाबले हवा में सुधार
सीआरईए के सुनील दहिया कहते हैं कि हवा में पिछले वर्षों के मुकाबले सुधार तो हुआ है, लेकिन पहले तो इस सुधार की गति काफी कम है। दूसरा अधिक वर्षा, हवा की तेज गति भी फरवरी में दिल्ली की हवा में देखे गए सुधर का एक मुख्य कारण था। दहिया के अनुसार हवा को साफ करने के लिए उठाए जाने वाले क़दमों को अधिक तेज करने की जरूरत है और प्रदूषण के स्रोतों एवं क्षेत्रों के लिए प्रदूषण उत्सर्जन की अधिकतम मात्रा निर्धारित करके स्रोतों पर ही प्रदूषण को कम करने के लिए नियम एवं प्रणाली बनाना लोगों को साफ़ हवा देने की तरफ एक सुदृढ़ कदम होगा।
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