पैरोल पर रिहा होकर बदमाश शादी कर हुआ फरार; चुनाव अधिकारी बनकर पुलिस 500 घरों में गई, तीन साल बाद किया गिरफ्तार
दिल्ली के जामिया नगर में हत्या के एक मामले में एक बदमाश को 15 मई 2021 में कोरोना के दौरान पैरोल पर रिहा किया गया था। लेकिन इसके बाद वह आत्मसमर्पण नहीं किया। वह इस दौरान शादी की फिर मुंबई चला गया। आरोपी तक पहुंचने के लिए पुलिस ने मुंबई की झुग्गी में चुनाव अधिकारी के रूप में काम किया। इसके बाद आरोपी पकड़ा जा सका।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जामिया नगर के हत्या के एक मामले में पैरोल जम्प कर पिछले तीन साल से फरार चल रहे बदमाश को अपराध शाखा की टीम ने मुंबई से गिरफ्तार किया है।
पैरोल जम्पर बदमाश तक पहुंचने के लिए अपराध शाखा की टीम ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए मतदाता कार्ड बनाने के लिए मुंबई में चुनाव अधिकारी के रूप में काम किया और उसकी पहचान कर मुंबई के गोवंडी से दबोच लिया । गिरफ्तार बदमाश की पहचान मोहम्मद मुस्ताक के रूप में हुई है।
अपराध शाखा के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 2021 में आरोपित मुस्ताक और उसके दो दोस्तों का जामिया नगर में एक चाय की दुकान पर झगडा हो गया था,शिकायतकर्ता के बेटे ने इसकी जानकारी दुकान मालिक को दे दी थी। जिस पर आरोपितों ने नाराज होकर शिकायतकर्ता को भूगत लेने की धमकी दी थी।
90 दिनों की आपातकालीन पैरोल पर हुआ था रिहा
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि दुश्मनी के कारण तीनों आरोपितों ने झगडे़ के अगले दिन शिकायतकर्ता के बेटे को पांचवी मंजिल से फेंक दिया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। शिकायतकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपित मोहम्मद मुस्ताक को गिरफ्तार कर लिया गया, उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 15 मई 2021 को कोरोना महामारी के दौरान उसे 90 दिनों की आपातकालीन पैराेल पर रिहा कर दिया गया था। मगर 90 दिन बाद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया और तब से फरार था।
पुलिस को उसके मुंबई में होने की मिली सूचना
छह अप्रैल को आरोपित के ठिकाने के संबंध में गुप्त सूचना मिली की वह फिलहाल मुंबई में है। टीम का गठन कर तकनीकी विश्लेषण और मैनुअल इंटेलिजेंस की मदद से, टीम ने मुंबई की घनी आबादी वाले गोवंडी में उसके होने का पता लगाया। मगर सटीक पता नहीं मिल पाया। इसलिए टीम ने आरोपित तक पहुंचने के लिए चुनाव अधिकारी के रूप में काम किया और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान कार्ड बनाने के लिए 500 से ज्यादा घरों में गई।
पैरोल से रिहा होकर गांव जाकर की शादी
अंत में आरोपित तक पहुंच उसे गिरफ्तार करने में सफल रही। आरोपित अपनी दाढी-मूंछे कटवाकर पहचान बदल कर रह रहा था। पूछताछ में मुस्ताक ने बताया कि पैरोल पर रिहा होने के बाद वह अपने गांव गया और शादी कर ली। गांव में उसके पास आय का कोई साधन नहीं था और पुलिस भी उसे तलाश रही थी। इसलिए वह मुंबई चला गया और वहां कढाई गोदाम में काम करने लगा।