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दिल्ली में सांसों का संकट बरकरार, शुक्रवार सुबह भी अधिकतर इलाकों का AQI 400 के पार

दिल्ली में दिवाली के बाद से ही वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है। बात अगर शुक्रवार की करें तो आज सुबह से ही कई इलाकों में एक्यूआई 400 या 400 के पार बना हुआ है। इससे लोगों को जहां सांस लेने में तकलीफ है तो वहीं आंखों में जलन के मामले 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Fri, 24 Nov 2023 09:22 AM (IST)
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दिल्ली में ड्रोन से ली गई तस्वीर। एएनआई वीडियो ग्रैब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में दिवाली के बाद से ही वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है।

बात अगर शुक्रवार की करें तो आज सुबह से ही कई इलाकों में एक्यूआई 400 या 400 के पार बना हुआ है। इससे लोगों को जहां सांस लेने में तकलीफ है तो वहीं आंखों में जलन के मामले 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

बृहस्पतिवार को रहा कैसा हाल

कहने को दिल्ली की हवा ''बहुत खराब'' श्रेणी में बनी हुई है, लेकिन ''गंभीर'' श्रेणी के भी करीब है। बृहस्पतिवार को भी कमोबेश यही स्थिति बरकरार रही। राजधानी के 14 इलाकों का एक्यूआइ 400 पार यानी ''गंभीर'' श्रेणी में रिकार्ड किया गया। अगले दो तीन दिनों तक दिल्ली को प्रदूषण से राहत मिलने के आसार भी नजर नहीं आ रहे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिल्ली का एक्यूआई 390 रहा। इस स्तर की हवा को ''बहुत खराब'' श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन यह ''गंभीर'' श्रेणी से सिर्फ 10 अंक नीचे है।

बुधवार को थी ऐसी स्थिति

एक दिन पहले बुधवार को यह 395 रहा था, यानी 24 घंटे के भीतर पांच अंकों की मामूली गिरावट आई है। बवाना दिल्ली का सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा, जहां का एक्यूआइ 443 रहा जबकि दूसरा नंबर जहांगीर पुरी का रहा। यहां का एक्यूआइ 333 दर्ज किया गया।

हवा सामान्य से साढ़े तीन गुना ज्यादा जहरीली

मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 10 का औसत स्तर 100 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 60 से कम होना चाहिए। तभी उसे स्वास्थ्य के लिए हितकर माना जाता है। लेकिन बृहस्पतिवार को दिल्ली की हवा में शाम चार बजे पीएम 10 का औसत स्तर 355 और पीएम 2.5 का स्तर 206 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। हवा में प्रदूषण कणों का स्तर मानकों से साढ़े तीन गुना से भी ज्यादा है।

तीन दिनों तक राहत के आसार नहीं

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तैयार वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले तीन चार दिनों के बीच हवा की गति आमतौर पर दस किमी से नीचे रहने की संभावना है। इससे प्रदूषक तत्वों का बिखराब नहीं हो पा रहा है। शनिवार को एक्यूआइ ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंच सकता है।

पराली ने राजधानी को बृहस्पतिवार को पांच प्रतिशत प्रदूषित किया। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इसके करीब 800 मामले दर्ज किए गए। 15 नवंबर को पराली प्रदूषण 23.39 प्रतिशत रहा था।

21 नवंबर को यह नौ प्रतिशत से अधिक रहा था। आइआइटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के मुताबिक शुक्रवार को पराली प्रदूषण चार प्रतिशत और शनिवार को तीन प्रतिशत रह सकता है।