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Delhi: MCD कमिश्नर को हाईकोर्ट ने किया तलब, पूछा- क्यों न की जाए अवमानना की कार्यवाही

Delhi High Court दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर अश्विनी कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में किसी और अधिकारी के जरिए हलफनामा दायर कराया जबकि कोर्ट ने उन्हें खुद कोर्ट में आकर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था। इस पर कोर्ट ने एमसीडी कमिश्नर के आचरण पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि उनके इस आचरण को देखते हुए उन पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 24 Jul 2024 12:18 AM (IST)
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कोर्ट ने MCD कमिश्नर अश्विनी कुमार के आचरण पर जताई नाराजगी।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अनधिकृत निर्माण से जुड़े मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली नगर निगम (MCD) कमिश्नर अश्विनी कुमार के आचरण पर नाराजगी जताई हैं। उन्हें अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।

कोर्ट के आदेश के बावजूद भी किसी अन्य अधिकारी के माध्यम से हलफनामा दाखिल करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की पीठ ने कहा कि अदालत ने स्पष्ट तौर पर एमसीडी कमिश्नर को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिया था। लेकिन, स्वयं के बजाय कमिश्नर ने किसी अन्य प्राधिकारी को हलफनामा दाखिल करने की जिम्मेदारी दी।

कमिश्नर को अपना पक्ष रखने का मौका

एमसीडी के आचरण को देखते हुए हलफनामा दाखिल करने वाले अधिशासी अभियंता के साथ कमिश्नर के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करना उचित समझता है। हालांकि, ऐसा करने से पहले अदालत कमिश्नर को अपना पक्ष रखने का मौका देती है।

क्यों न की जाए कार्यवाही

याचिकाकर्ता विकास चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार और एक अधिशासी अभियंता को बुधवार को होने वाली सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष पेश होकर जवाब देने को कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवममानना की कार्यवाही शुरू की जाए।

पिछली सुनवाई पर अदालत ने हलफनामे में मौजूदा मामले में विवादित संपत्ति से जुड़ा पूरा घटनाक्रम स्पष्टता के साथ कोर्ट के सामने रखने का कमिश्नर को निर्देश दिया। उनसे यह भी पूछा गया है कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करना चाहेंगे। जिन्होंने संपत्ति में अवैध निर्माण होने से रोकने की कोशिश नहीं की।

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सारे नियमों का ईमानदारी से हो पालन

अदालत ने कमिश्नर को नसीहत देते हुए कोर्ट ने कहा था कि प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते एक कमिश्नर की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि सारे नियमों और नियामकों का पूरी ईमानदारी से पालन हो। कोर्ट ने कहा था कि वह इस बात से अनजान नहीं कि एमसीडी के कामकाज को लेकर लोग क्यों शिकायत लेकर अदालत आते हें।