नए अपराध कानूनों के क्रियान्वयन से जुड़ी बाधाएं दूर करें, दिल्ली के एलजी ने दिया निर्देश
एलजी वीके सक्सेना ने तीनों नए अपराध कानूनों के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाएं दूर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दिल्ली के गृह एवं कानून मंत्री कैलाश गहलोत और अधिकारियों के साथ अभी तक इन कानूनों को लागू किए जाने की समीक्षा की। दिल्ली समेत देशभर में एक जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू कर दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने तीनों नए अपराध कानूनों के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाएं दूर करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को आयोजित बैठक में उन्होंने दिल्ली के गृह एवं कानून मंत्री कैलाश गहलोत और अधिकारियों के साथ अभी तक इन कानूनों को लागू किए जाने की समीक्षा की।
मालूम हो कि दिल्ली समेत देशभर में एक जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू कर दिया गया है। इन कानूनों ने पुराने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह ले ली है।
एलजी ने सोमवार को हुई बैठक में इन्हें लागू कराए जाने की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में गृह विभाग, दिल्ली पुलिस, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, अभियोजन निदेशालय आदि के अधिकारी शामिल हुए। कुछ अपरिहार्य कारणों से कानून मंत्री आतिशी बैठक में शामिल नहीं हो सकी।
एलजी ने बैठक में कहा कि इन कानूनों को लागू कराने से संबंधित जो भी परियोजनाएं पाइपलाइन में चल रही हैं, उन्हें निश्चित समय सीमा में पूरा किया जाए। बैठक में मेडिको-लीगल मामलों के लिए तैयार पोर्टल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों के प्रशिक्षण पर भी चर्चा की गई।
बैठक में एलजी को बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली में केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों जैसे एम्स, सफदरजंग, राममनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग को इस पोर्टल में शामिल कर लिया है। अभी तक दिल्ली सरकार के 186 डाक्टरों और केंद्र सरकार के 32 डाक्टरों को पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है और पोर्टल पर 81 रिपोर्ट बनाई गई हैं।
पुलिस और एफएसएल के लिए मोबाइल फोरेंसिक वैन की खरीद और दिल्ली की सभी 691 अदालतों में वीडियो कांफ्रेंस सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे पर भी विचार-विमर्श किया गया। एलजी ने सभी संबंधित विभागों के परामर्श करके इसकी प्रक्रिया में तेजी लाने और खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
एफएसएल द्वारा अपराध स्थल पर तैनात किए जाने वाले 165 कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायकों की रिक्तियों को भरने पर भी चर्चा की गई। एलजी को बताया गया कि छह महीने के लिए अनुबंध के आधार पर 165 कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायकों की भर्ती प्रक्रिया 21 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। एलजी ने नियुक्ति प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतने के साथ-साथ नियमित नियुक्ति के लिए कदम उठाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।