Delhi News: औद्योगिक नीति के लिए सरकार ने जारी किए निर्देश, जानिए क्या है नई योजना
नई औद्योगिक नीति के लिए दिल्ली सरकार ने श्वेत पत्र जारी किया है। इसे दिल्ली औद्योगिक एवं आर्थिक विकास नीति 2023-33 नाम दिया गया है। इसके लागू होने पर दिल्ली की औद्योगिक एवं आर्थिक विकास नीति सेवा और आइटी क्षेत्र पर आधारित होगी। अगले 10 साल की स्थितियों को देखते हुए नीति का मसौदा तैयार किया गया है। नीति का उद्देश्य सेवा क्षेत्र से संबंधित औद्योगिक को बढ़ावा देना है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नई औद्योगिक नीति के लिए दिल्ली सरकार ने श्वेत पत्र जारी किया है। इसे दिल्ली औद्योगिक एवं आर्थिक विकास नीति 2023-33 नाम दिया गया है। इसके लागू होने पर दिल्ली की औद्योगिक एवं आर्थिक विकास नीति सेवा और आइटी क्षेत्र पर आधारित होगी। अगले 10 साल की स्थितियों को देखते हुए नीति का मसौदा तैयार किया गया है।
नीति का उद्देश्य सेवा क्षेत्र और उच्च प्रौद्योगिकी से संबंधित औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। इसके लिए जनता से भी सुझाव मांगे गए हैं। नीति पर जारी श्वेत पत्र के अनुसार जनता उद्योग विभाग की वेबसाइट www.industries.delhigovt.nic.in पर इसे देख सकती है और सुझाव दे सकती है।
मसौदे पर सुझाव निर्धारित प्रारूप में वेबसाइट पर 20 नवंबर तक दिए जा सकते हैं। नई औद्योगिक गतिविधि दिल्ली के मास्टर प्लान के अनुसार संचालित की जा सकेगी। जिसमें नई औद्योगिक गतिविधि हाई-टेक क्षेत्रों और सेवा आधारित उद्योगों को बढावा दिया जाएगा। मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में इन गतिविधियों की अनुमति संबंधित प्राधिकरण, स्थानीय निकाय की ओर से तय की जाती है और वसूले जाने वाले बुनियादी ढांचे के उन्नयन शुल्क के भुगतान के अधीन है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र को छोड़कर दिल्ली अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में अधिक कंपनियों की मेजबानी करती है। फिर भी अर्थव्यवस्था के विकास के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में दिल्ली की हिस्सेदारी अपेक्षाकृत नहीं बढ़ी है।
इसे देखते हुए ही दिल्ली सरकार ने चार साल पहले नियमित औद्योगिक क्षेत्रों में सेवा और आइटी क्षेत्र से संबंधित इकाइयों को अनुमति के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नीति के श्वेत पत्र में आइटी और आइटीईएस, चिकित्सा एवं संबद्ध सेवाएं, उच्च शिक्षा, परिवहन एवं वितरण, अनुसंधान एवं नवप्रवर्तन, रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप, पर्यटन एवं आतिथ्य और खुदरा व थोक के कारोबार पर फोकस किया गया है।
सरकार के अनुसार मुख्य रूप से सेवा उन्मुख अर्थव्यवस्था होने की वजह से दिल्ली की आर्थिक प्रगति बढ़ाने में आइटी और आइटीईएस क्षेत्र के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता है। यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है, इसके साथ ही रोजगार, नवाचार और प्रौद्योगिकी एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भी नीति में बात की गई है। नीति में स्टार्टअप को बढ़ावा देना शामिल है। नीति के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली का उद्योग विभाग दिल्ली में नवाचार और उद्यमशीलता को विकसित करने की दिशा में अथक प्रयास कर रहा है।