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Delhi Crime: वियतनाम भेजी जा रही थी सिम, चीन के प्रतिबंधित ऐप से मिलता था पैसा; पुलिस ने किया बड़े गिरोह का खुलासा

आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपित भोलेभाले लोगों के नाम पर सिम कार्ड जारी करवाते थे और उसे वियतनाम में ऊंचे दाम पर बेच देते थे। इसके लिए आरोपियों को चीन की प्रतिबंधित ऐप के जरिए पैसे दिए जा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 200 सिम बरामद किए।

By Sonu Rana Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 17 Mar 2024 08:52 PM (IST)
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वियतनाम भेजी जा रही थी सिम, चीन की प्रतिबंधित ऐप से मिलता था पैसा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ कर चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के आगरा के खटेना के मुकुल कुमार, आगरा के जगदीशपुरा के हेमन्त, कन्हैया व राजस्थान के जैसलमेर के मूठो की ढाणी के अनिल कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने 200 सिम कार्ड बरामद किए हैं।

आरोपित भोलेभाले लोगों के नाम पर सिम कार्ड जारी करवाते थे और उसे वियतनाम में ऊंचे दाम पर बेच देते थे।अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि सिम का इस्तेमाल किस लिए किया जा रहा था और आरोपित अब तक कितने सिम कार्ड वियतनाम भेज चुका है। लेकिन इन सिम कार्ड का पैसा उसे चीन की प्रतिबंधित ऐप के माध्यम से दिया जाता था। पुलिस मामल में आगे की कार्रवाई कर रही है।

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कूरियर के शिपमेंट में से 500 सिम कार्ड मिले

आईजीआई जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि आईजीआई थाना पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक कार्गो टर्मिनल पर फेडेक्स कूरियर के शिपमेंट में से 500 सिम कार्ड मिले हैं। एयरटेल, जियो आदि के सिम कार्ड को वियतनाम भेजा जा रहा था। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपितों को पकड़ने के लिए एसएचओ विजेंद्र राणा के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम में इंस्पेक्टर अजय यादव, हेड कांस्टेबल सुमित कुमार, विनोद आदि शामिल थे।टी

म ने 60 सिम कार्ड व कंपनी से उनका विवरण मांगा। इस दौरान पता लगा कि सभी सिम कार्ड उत्तर प्रदेश के आगरा व आसपास के इलाकों में जारी किए गए थे। पुलिस ने आगरा में छापेमारी की तो वहां से वह लोग मिले जिनके नाम पर यह सिम थी। उन्होंने बताया कि वह सिम मुकुल कुमार ने उनके नाम पर निकलवाई थी। इसके लिए उन्हें 200 रुपये दिए गए थे। मुकुल ने इन सिम को कन्हैया और हेमन्त को 300 रुपये के हिसाब से बेच दिया।

बिनेंस ऐप को भारत में किया गया है बैन

इसके अलावा दिल्ली के माडल टाउन में किराये के मकान में रहने वाले अनिल कुमार को 500 रुपये प्रति सिम के हिसाब से बेच दिया। अनिल कुमार वियतनाम के पते पर इन सिम कार्ड को भेजता था। चीन की बिनेंस नामक क्रिप्टो करेंसी ऐप के माध्यम से उसके बैंक खाते में उसे हर सिम कार्ड के 1300 रुपये मिलते थे। बिनेंस ऐप को हाल ही में भारत में बैन कर दिया गया है। अनिल कुमार भी बिनेंस एप पर क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग कर रहा था।

अनिल कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया कि वियतनाम के किसी व्यक्ति ने उन्हें सिम कार्ड की आपूर्ति करने के लिए टेलीग्राम पर संपर्क किया था। उसने दावा किया था कि इन सिम का इस्तेमाल गेमिंग एप के लिए और सोशल मीडिया खातों पर इच्छुक लोगों के लाइक और फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

एक सिम के बदले 300 रुपये देने की बात

अनिल कुमार ने इसके लिए टेलीग्राम पर विज्ञापन डाला था। विज्ञापन में उसने एक सिम कार्ड के बदले 300 रुपये देने की बात कही थी। इस दौरान कन्हैया और हेमंत ने अनिल से संपर्क किया था। अनिल कुमार के पास से 200 और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।

जांच के दौरान पता लगा है कि मॉडल टाउन में जिस दोस्त के साथ किराये के मकान में यह रहता था।उसके बैंक खाते में बिनेंस एप से पैसे भेजे जाते थे।जांच के दौरान पता लगा है कि अनिल कुमार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों की जानकारी पूरे भारत से 19 साइबर शिकायतों में दी गई है।

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