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वाहनों के 'दबाव' में दिल्ली की सड़कें, सुधरने की बजाय बिगड़ रहे जाम के हालात

राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जाम के हालात सुधरने की जगह और बिगड़ रहे हैं। जाम लगने और बोटलनेक की स्थिति बनने वाले स्थानों की सूची लंबी होती जा रही है। और वाहनों के कारण सड़कों पर लगने वाला जाम उनसे निकलता धुआं वायुमंडल में दूषित जहरीली गैसों की मात्रा को बहुत अधिक बढ़ा चुका है। सड़कें वाहनों का दबाव नहीं झेल पा रही हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 25 Oct 2023 04:44 PM (IST)
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वाहनों के 'दबाव' में दिल्ली की सड़कें, सुधरने की बजाय बिगड़ रहे जाम के हालात

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सड़कें जवाब दे रही हैं, वाहनों का दबाव उनसे झेला नहीं जा रहा है। कुछ सड़कें भ्रष्टाचारियों की लापरवाही से आए दिन जर्जर रहती हैं तो कुछ मार्गों पर वाहनों का दबाव इतना अधिक होता है कि सड़कें कुछ दिन बनने के बाद ही जवाब दे देती हैं।

राजधानी में सड़कों पर जाम के हालात सुधरने की जगह और बिगड़ रहे हैं। जाम लगने और बोटलनेक की स्थिति बनने वाले स्थानों की सूची लंबी होती जा रही है। और वाहनों के कारण सड़कों पर लगने वाला जाम, उनसे निकलता धुआं वायुमंडल में दूषित जहरीली गैसों की मात्रा को बहुत अधिक बढ़ा चुका है।

वाहनों का रेला

  • 1 करोड़ 24 लाख है पंजीकृत वाहनों की संख्या
  • 54 लाख वाहनों का पंजीकरण पिछले साल निरस्त किया गया।
  • 70 लाख हैं वाहन जिन्हें सड़कों पर चलने की अनुमति।
  • 48 लाख दो पहिया : 68.7%
  • 20 लाख चार पहिया : 31.3%
  • 4 लाख वाहन प्रति माह हो रहे पंजीकृत।

सर्वे में आया सामने

117 जाम लगने वाले स्थान और 11 फ्लाईओवर जहां पर वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ता है। यातायात पुलिस द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि सड़कों की क्षमता से अधिक वाहनों की संख्या है। वाहनों का दबाव सड़कें नहीं झेल पा रही हैं।

यातायात पुलिस के प्रयास 

  • फ्लाईओवर, अंडरपास बनाए गए हैं और भी बनाए जा रहे हैं, सड़कें चौड़ी की गईं।
  • धीमी रफ्तार वाले स्थानों पर यातायात कर्मी तैनात किए गए।
  • बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र(पीयूसीसी) के चलने वाले वाहनों के खिलाफ हो रही कार्रवाई।
  • पीयूसीसी के बिना चलने वाले वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और 115 केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 190 (2) के तहत मामला दर्ज किया जाता है और 10,000 रुपये का जुर्माना है, जिसमें पहले अपराध के दौरान तीन महीने के लिए वाहन चालक के लाइसेंस का निलंबन भी शामिल है।

यहां सबसे ज्यादा प्रदूषण के नियमों को होता है उल्लंघन 

दोपहिया चालक सबसे ज्यादा कर रहे नियमों का उल्लंघन

वाहनों के प्रकार    चालान

मोटर साइकिल                     69190

स्कूटर                                 49219

कार                                    33754

ऑटो                                     1556

छोटा हाथी                             1139

लार्ज गुड्स व्हीकल                    795

वैन                                          720

डीलीवरी वैन                             435

टैक्सी                                      350

ट्रक                                        333

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कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

  • 19,040 किमी है राजधानी में सड़कों की लंबाई।
  • 15582 किमी नगर निगम के तहत।
  • 1400 किमी लोक निर्माण विभाग का जिम्मा।

सड़कों की लंबाई 

गौतमबुद्ध नगर- 1,500

गाजियाबाद- 2,152

फरीदाबाद- 633

गुरुग्राम- 450

एनसीआर में वाहनों की संख्या 

गौतमबुद्ध नगर- 9 लाख

गाजियाबाद- 11 लाख

फरीदाबाद-  9 लाख

गुरुग्राम-    14 लाख

फरीदाबाद 

  • 25 हजार वाहन हर माह होते हैं पंजीकृत
  • 40 बाटलनेक खत्म किए तीन साल में।

गौतमबुद्ध नगर 

  • 7 हजार वाहन हर माह हो रहे पंजीकृत।
  • 50 जगह बाटलनेक
  • 15 बाटलनेक खत्म किए गए, तीन साल में।
  • 20 बाटलनेक खत्म करने के लिए टेंडर जारी किए गए।

गुरुग्राम 

  • 50 जगह बाटलनेक हैं शहर में
  • 25 बाटलनेक खत्म किए गए तीन साल में

गाजियाबाद 

  • 8 हजार वाहन हर माह होते हैं पंजीकृत

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