DUSU Election 2024: 65 साल में सिर्फ 11 छात्राएं ही बनीं अध्यक्ष, नामांकन ज्यादा फिर भी क्यों नहीं लड़कियों का दबदबा?
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम रही है। 65 सालों में सिर्फ 11 छात्राएं ही अध्यक्ष रही हैं। डूसू में महिलाओं के लिए दो सीट आरक्षित करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस लेख में डूसू चुनावों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और उनके लिए आरक्षित सीटों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 70वें साल में प्रवेश कर रहा है। विश्व के सबसे बड़े छात्र संघ चुनावों में शुमार डूसू में आधी आबादी की भागीदारी बेहद कम रही है। यह तब है जब विश्वविद्यालय में हर वर्ष छात्राओं का नामांकन छात्रों से अधिक रहता है।
11 छात्राएं ही रही हैं अध्यक्ष
65 सालों में हुए चुनावों में सिर्फ 11 छात्राएं ही अध्यक्ष रही हैं। डूसू में महिलाओं के लिए दो सीट आरक्षित करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। डीयू को इस पर फैसला लेना है। लेकिन, अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष इस पर कोई फैसला आना मुश्किल है।
2008 में नृपुर शर्मा चुनी गईं थीं अध्यक्ष
डूसू चुनाव 1954 से हो रहे हैं। आखिरी बार 2008 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशी नृपुर शर्मा अध्यक्ष चुनी गईं थीं। इससे पहले 1954 से 88 तक यानी 24 साल तक पुरुष ही अध्यक्ष रहे थे। 1989 में पहली बार महिला अंजू सचदेवा महिला अध्यक्ष चुनीं गईं थीं।
संजोग ही कहेंगे कि 1987 में ही पहली बार महिला सचिव के तौर पर अंजू सचदेवा ही चुनी गईं थीं। अब तक डूसू में 16 सचिव चुनी गई हैं। एक छात्र ने कहा, इसका एक बड़ा कारण छात्राओं के कॉलेज का डूसू से बाहर होना है।
डूसू में 50 कॉलेज ही लेते हैं भाग
डूसू में डीयू के 50 कॉलेज ही भाग लेते हैं। इनमें मिरांडा हाउस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भगिनी निवेदिता, अदिति, विवेकानंद और लक्ष्मीबाई यह छह महिला कॉलेज ही इसमें शामिल हैं। जबकि दौलत राम कॉलेज, लेडी श्रीराम, गार्गी, कमला नेहरू, इंद्रप्रस्थ कॉलेज फार विमन, लेडी इरविन, मैत्रेयी, जीसस एंड मैरी, इंस्टीट्यूट आफ होम इकानमिक्स, भारती, कालिंदी, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज, माता सुंदरी कॉलेज, राजगुरु कॉलेज आफ एप्लाइड साइंस वो महिला कॉलेज हैं, जो डूसू में भाग नहीं लेते।
ABVP ने नौ संभावित प्रत्याशियों की सूची की जारी
यही वजह है कि छात्राओं का हर साल नामांकन अधिक होने पर भी उन्हें डूसू में प्रतिनिधित्व कम मिलता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नौ संभावित प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इनमें दो छात्राओं कनिष्का चौधरी और मित्रविंदा करनवाल के नाम हैं। इनमें से भी एक को ही टिकट मिलने की संभावना है।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है। संगठन के एक अधिकारी ने साफ किया कि वह एक ही पद पर छात्रा को टिकट देने की योजना बना रहे हैं। हालांकि पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी ने महिला को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है।
लागू हो चुका है 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल
उम्मीद जताई जा रही है कि डूसू में भी ऐसा देखने को मिले। एबीवीपी के एक अधिकारी ने कहा, 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल लागू हो चुका है। भविष्य की नेत्रियां तैयार करने के लिए छात्र संघ में उनका प्रतिनिधित्व अधिक होना जरूरी है।
एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा, ऐसा नहीं है कि डूसू में छात्राओं को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता। एक सीट तो हर साल उनको दी जाती है। हो सकता है कि अध्यक्ष पद पर छात्रा को टिकट दिया जाए। एबीवीपी सभी को बराकर मौका देती है और मैं खुद डूसू में संयुक्त सचिव रह चुकी हैं।
छात्राओं के लिए ला रहे हैं अलग से घोषणापत्र
एनएसयूआइ के दिल्ली प्रभारी हनी बग्गा ने कहा, छात्राओं के लिए अलग से घोषणापत्र ला रहे हैं। टिकट में उनकी बराबर भागीदारी हो, इसका पक्षधर संगठन हमेशा से रहा है। हालांकि वाम छात्र संगठन छात्राओं को टिकट देते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय में उनका प्रभाव बेहद कम है।
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर डीयू प्राक्टर प्रो. रजनी अब्बी ने कहा, इस वर्ष आरक्षण पर विश्वविद्यालय की ओर से फैसला थोड़ा मुश्किल है। आने वाले वक्त में कोई फैसला लेने पर विचार किया जा सकता है।
डूसू में अब तक बनीं अध्यक्ष
- 1989- अंजू सचदेवा
- 1993- मोनिका कक्कड़
- 1994- शालू मलिक
- 1995- अलका लांबा
- 1996- रेखा
- 1999- रितु वर्मा
- 2001- नीतू वर्मा
- 2005- रागिनी नायक
- 2006- अमृता धवन
- 2007- अमृता बहरी
- 2008- नृपुर शर्मा
डूसू में अब तक बनीं सचिव
- 1987- अंजू सचदेवा
- 1991- सोनिया सेठ
- 1992- मोनिका कक्कड़
- 1993- शालू मलिक
- 1994- वंदना मिश्रा
- 1995- रेखा
- 1997- सुनीता नारंग
- 1998- रितु वर्मा
- 1999- नीतू वर्मा
- 2002- दीप्ति रावत
- 2003- रागिनी नायक
- 2004- अमृता धवन
- 2010- नीतू डबास
- 2013- करिश्मा ठाकुर
- 2015- अंजलि राणा
- 2023- अपराजिता सिंह