बढ़ते सुसाइड के केस और छात्रों के तनाव को देख IIT दिल्ली का फैसला, मिड सेमेस्टर की परीक्षाओं का एक सेट हटाया
छात्रों के तनाव को कम करने के लिए आईआईटी दिल्ली ने मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव किया है। इसके तहत मध्य सेमेस्टर की परीक्षाओं का एक सेट हटा दिया गया है। संस्थान के निदेशक रंगन बनर्जी ने बताया कि छात्रों के आत्महत्या के कई मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब नियमित मूल्यांकन के अलावा परीक्षाओं के दो सेट होंगे।
नई दिल्ली, पीटीआई। छात्रों के तनाव को कम करने के लिए आईआईटी दिल्ली ने मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव किया है। इसके तहत मध्य सेमेस्टर की परीक्षाओं का एक सेट हटा दिया गया है। संस्थान के निदेशक रंगन बनर्जी ने बताया कि छात्रों के आत्महत्या के कई मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
निदेशक रंगन बनर्जी ने बताया कि पहले एक सेमेस्टर के दौरान परीक्षाओं के दो सेट होते थे, प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में अंतिम परीक्षा और कई मूल्यांकन तंत्र होते थे। हमने एक आंतरिक सर्वेक्षण किया और सभी छात्रों व संकाय से मिले फीडबैक के आधार पर परीक्षाओं का एक सेट रद करने का निर्णय लिया है।
छात्रों पर से बोझ और तनाव हुआ कम
अब नियमित मूल्यांकन के अलावा परीक्षाओं के दो सेट होंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए परीक्षा कैलेंडर बहुत व्यस्त था। इसलिए छात्रों के बोझ और तनाव को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसे सीनेट ने भी मंजूरी दे दी है और इसे चालू सेमेस्टर से लागू किया जाएगा।
आईआईटी में सबसे ज्यादा सुसाइड के मामले
पिछले महीने संसद में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, आईआईटी में पिछले पांच वर्षों में छात्रों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। वर्ष 2018 से 2023 तक भारत के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या के 98 मामलों में से कम से कम 39 मामले आईआईटी के हैं।