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Delhi: ट्रेन में चूहों ने कुतरा यात्री का बैग, रेलवे देगा 10 हजार रुपये मुआवजा; ब्याज सहित देनी होगी कीमत

ट्रेन में चूहों का आतंक रेलवे पर भारी पड़ गया। पांच साल पहले चूहों ने यात्रा के दौरान एक यात्री का छह हजार रुपये कीमत का बैग काट दिया था। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे को 10 हजार रुपये का मुआजवा देने को कहा है।

By Ashish GuptaEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 05 Mar 2023 08:06 PM (IST)
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ट्रेन में चूहों ने कुतरा यात्री का बैग, रेलवे देगा 10 हजार रुपये मुआवजा; ब्याज सहित देनी होगी कीमत

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ट्रेन में चूहों का आतंक रेलवे पर भारी पड़ गया। पांच साल पहले चूहों ने यात्रा के दौरान एक यात्री का छह हजार रुपये कीमत का बैग काट दिया था। उस मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यात्री के पक्ष में निर्णय देते हुए रेलवे को बैग की कीमत छह प्रतिशत ब्याज समेत देने के साथ 10 हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

आयोग ने माना कि रेलवे की सेवा में कमी की वजह से यात्री को परेशानी हुई। यह निर्णय उन लोगों के लिए नजीर साबित हो सकता है तो रेलवे में सफर के दौरान इस तरह की परेशानी के शिकार हुए।

2017 का मामला

पेशे से वकील प्रियांशु माहेश्वरी ने जनवरी 2019 में रेलवे के खिलाफ मध्य दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को एक शिकायत दी थी। उसमें बताया था कि वह 27 अप्रैल 2017 को नई दिल्ली वाया झांसी होते हुए एट रेलवे स्टेशन गए थे। स्लीपर कोच में उनको सीट आवंटित हुई थी।

सीट के नीचे रखा था बैग

यात्रा के दौरान सीट के नीचे बैग रखा था, जिसकी कीमत छह हजार रुपये थी। झांसी स्टेशन के आसपास उन्होंने देखा कि चूहे उनका बैग कुतर गए, जिससे वह खराब हो गया। दावा किया कि एट जंक्शन और कोंच स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को इस बात की शिकायत की थी।

ठेकेदार पर लगाया जुर्माना

इसपर रेलवे ने अपने ठेकेदार पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया था। प्रियांशु ने शिकायत में कहा कि उनकी समस्या का निदान नहीं किया गया, उन्हें खराब हो चुके बैग की जगह नया बैग नहीं दिया गया।

इसपर रेलवे से पक्ष पूछा गया तो उसने अपने जवाब में कहा कि यात्री की शिकायत पर सुनवाई रेलवे ट्रिब्यूनल के अधीन हाे सकती है, यह इस आयोग का कार्यक्षेत्र में नहीं आती।

वैसे भी यात्री को झांसी स्टेशन पर बैग कुतरने के बारे में मालूम हुआ था, इस लिहाज से भी यह मामला मध्य जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के क्षेत्र का नहीं है। आयोग ने झांसी जोन के मंडल यांत्रिक इंजीनियर (सीएलडब्ल्यू) की रिपोर्ट से पाया कि इस अधिकारी ने भी चूहे द्वारा बैग कुतरे जाने पर रेलवे स्टाफ की लापरवाही मानी थी।

दूसरी तरफ पाया कि उत्तर रेलवे के अधिकारी ने घटना झूठी होने पर जोर दिया। सभी पक्षों पर गौर करते हुए आयोग के अध्यक्ष इंदर जीत सिंह के कोरम ने पाया कि इस मामले की सुनवाई यहां हो सकती है। आयोग ने यात्री के पक्ष में निर्णय सुनाया।