Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Delhi: गर्मी के मौसम में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, अब तक प्री-मानसून सीजन में हुई 200 प्रतिशत से ज्यादा बरसात

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक प्री-मानसून सत्र में 28 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। वहीं मध्य क्षेत्र में सामान्य से 268 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। एक मार्च से तीन मई तक पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 29 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई है।

By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 05 May 2023 09:31 PM (IST)
Hero Image
आमतौर पर पूरी प्री-मानसून अवधि के दौरान 48 मिमी बरसात रिकॉर्ड की जाती है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता।  पिछले दो सप्ताह में एक के बाद एक आने वाले पश्चिमी विक्षोभों के कारण अब तक मानसून पूर्व अवधि (एक मार्च से 31 मई तक) दिल्ली में 200 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है। दिल्ली के प्रमुख मौसम स्टेशन सफदरजंग में इस अवधि के दौरान 221 प्रतिशत अधिक वर्षा (सामान्य 37.1 मिमी के मुकाबले 119 मिमी) दर्ज की गई है।

आमतौर पर पूरी प्री-मानसून अवधि के दौरान 48 मिमी बरसात रिकॉर्ड की जाती है। इसी तरह पालम में सामान्य 33 मिमी के मुकाबले 109.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। लोधी रोड (119.5 मिमी), रिज (114.2 मिमी) और आयानगर (113.4 मिमी) में दर्ज की गई बरसात सामान्य से कम से कम 220 प्रतिशत अधिक है।

माैसम विज्ञानी इसकी वजह एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ और मौसमी प्रणालियों को बताते हैं, जो भूमध्य सागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती हैं और उत्तर पश्चिम भारत में बेमौसम बरसात लाती हैं।

देशभर में हुई अब तक 28 प्रतिशत अधिक बरसात

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक प्री-मानसून सत्र में 28 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।  वहीं, मध्य क्षेत्र में सामान्य से 268 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। एक मार्च से तीन मई तक पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 29 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई है। 

उत्तर पश्चिम भारत, यानी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में 18 प्रतिशत अधिक वर्षा (83.4 मिमी के सामान्य के मुकाबले 98.3 मिमी) दर्ज की गई, जबकि प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 88 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान 54.2 मिमी के सामान्य के मुकाबले 102 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र सहित मध्य भारत में 268 प्रतिशत अधिशेष वर्षा दर्ज की गई - सामान्य 18.2 मिमी के मुकाबले 67 मिमी। सूत्रों के मुताबिक 21-22 अप्रैल से, देश के बड़े हिस्सों में, पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों को छोड़कर, कई बैक-टू-बैक मौसम प्रणालियों के कारण लंबे समय तक वर्षा का अनुभव हुआ।

नतीजतन, देश के अधिकांश हिस्सों में इस अवधि के दौरान सामान्य दिन के तापमान की तुलना में काफी कम तापमान दर्ज किया गया।