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खूंखार आवारा कुत्तों का भयावह आतंक! दिल्ली में हर रोज हजारों लोग बन रहे शिकार; ये आंकड़े देख कांप जाएगी रूह

राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों का आंतक इस कदर हैं प्रतिदिन हजारों लोग उनके काटने का शिकार बन जाते हैं। यही वजह है कि एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए चिह्नित अस्पतालों में सुबह से ही कतार लगी हुई नजर आती है। मध्य दिल्ली के डा. राम मनोहर लोहिया से लेकर सफदरजंग अस्पताल में ही प्रतिदिन 400-500 मरीज कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए आते हैं।

By Nihal SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 10:10 PM (IST)
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एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए चिह्नित अस्पतालों में सुबह से ही कतार लगी हुई नजर आती है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Stray Dogs Attack: राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों का आंतक इस कदर हैं प्रतिदिन हजारों लोग उनके काटने का शिकार बन जाते हैं। यही वजह है कि एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए चिह्नित अस्पतालों में सुबह से ही कतार लगी हुई नजर आती है।

मध्य दिल्ली के डा. राम मनोहर लोहिया से लेकर सफदरजंग अस्पताल में ही प्रतिदिन 400-500 मरीज कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए आते हैं। इसमें ज्यादातर लोग वह होते हैं जो राह से गुजर रहे होते हैं। थोड़ी सी संदिग्ध परिस्थिति में कुत्ते उन्हें शिकार बना लेते हैं।

इसी प्रकार पूर्वी दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल से लेकर बाहरी दिल्ली के दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी 250 के करीब लोग प्रतिदिन टीकारण के लिए पहुंचते हैं। निगम ने भी 20 केंद्र एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए चिह्नित कर रखें हैं।

एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि निगम के इन केंद्रों में भी 300 के करीब टीकाकरण प्रतिदिन हो रहे हैं। ज्यादातर लोगों को पैर में कुत्ते निशाना बनाते हैं। आरएमएल अस्पताल के एक डाक्टर ने बताया कि उनके यहां औसतन प्रतिदिन 200 के करीब लोग ओपीडी में एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए आते हैं।

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गर्मी के दिनों में कुत्ते हो जाते हैं घातक

डॉक्टर ने बताया कि पांच टीके लगते हैं। ज्यादातर घटनाएं गर्मी बढ़ने पर होती हैं। जैसे ही गर्मी बढ़ती है तो कुत्तों के आक्रमक होने की वजह से लोगों को शिकार बनाए जाने की घटनाएं बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि जो लोग टीकाकरण के लिए आते हैं उसमें एनसीआर के भी लोग होते हैं।

एनडीएमसी के चरक पालिका अस्पताल से जुड़े एक डाक्टर ने बताया कि प्रतिदिन 50 के करीब लोग एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए आते हैं। हम तय नियमों के अनुसार उनका टीकाकरण किया जाता है। यह डाटा मात्र सरकारी अस्पतालों का है, जबकि स्थानीय डाक्टरों और प्राइवेट अस्पतालों में भी लोग टीकाकरण के लिए पहुंचते हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आवारा घूमने वाले कुत्तों की सही संख्या भी स्थानीय निकायों को नहीं पता। न ही इन निकायों ने कोई सर्वे हाल फिलहाल कराया है। स्थानीय निकायों द्वारा बंध्याकरण तो किया जाता है लेकिन उसकी गति कछुआ चाल की तरह है।

रिपोर्ट इनपुट- निहाल सिंह

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