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विश्वास न्यूज की पहल: IILM विश्वविद्यालय में मीडिया साक्षरता वर्कशॉप का आयोजन, दिए गए ये जरूरी टिप्स

विश्वास न्यूज ने आईआईएलएम विश्वविद्यालय में मीडिया साक्षरता और फैक्ट-चेकिंग पर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को डिजिटल युग में गलत सूचनाओं को पहचानने और उनसे लड़ने के लिए जरूरी स्किल से लैस करना था। कार्यक्रम में मीडिया साक्षरता की बुनियादी जानकारी फैक्ट-चेकिंग के तरीके और गलत सूचनाओं से बचने के टिप्स दिए गए।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 25 Sep 2024 06:39 PM (IST)
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विश्वास न्यूज ने IILM विश्वविद्यालय में मीडिया साक्षरता वर्कशॉप का आयोजन किया। जागरण

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विश्वास न्यूज ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंटिग्रेटड लर्निंग इन मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी (आईआईएलएम) विश्वविद्यालय में मीडिया साक्षरता और फैक्ट-चेकिंग पर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को डिजिटल युग में गलत सूचनाओं को पहचानने और उनसे लड़ने के लिए जरूरी स्किल से लैस करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत में ट्रेनर्स उर्वशी कपूर और देविका मेहता ने मीडिया साक्षरता की बुनियादी जानकारी और इसकी जरूरत के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आज के डिजिटल युग में जहां सूचनाएं तेजी से फैलती हैं, वहां सही जानकारी का चयन करना बेहद अहम है। गलत सूचना के तेजी से फैलने के प्रभाव को समझाते हुए, वक्ताओं ने वास्तविक उदाहरणों को साझा किया, जिससे छात्रों को इस समस्या की गंभीरता का एहसास हुआ।

फैक्ट-चेकिंग के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की गई

इसके बाद, वर्कशॉप में फैक्ट-चेकिंग के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की गई। छात्रों को बताया गया कि कैसे वे किसी भी जानकारी की सच्चाई या प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं। सूचना या इन्फॉर्मेशन की प्रामाणिकता का मूल्यांकन करने के लिए स्रोत की विश्वसनीयता, लेखक की पहचान, और तथ्य की सत्यता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। यह सत्र छात्रों के लिए काफी रोचक रहा और उन्होंने व्यावहारिक तौर पर यह सीखा कि किस प्रकार वे रोजमर्रा की जिंदगी में इन तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

छात्रों ने अपने विचार साझा किए और सवाल पूछे

कार्यक्रम के दौरान, छात्रों ने अपने विचार साझा किए और सवाल पूछे। जिसका जवाब देते हुए उर्वशी कपूर और देविका मेहता ने बताया कि सही जानकारी और टूल्स के माध्यम से कोई भी व्यक्ति फैक्ट-चेकिंग कर सकता है। उन्होंने छात्रों को सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली हर खबर की जांच करने के लिए प्रेरित किया।

वर्कशॉप के अंत में, भविष्य में मिस-इन्फॉर्मेशन से बचाव को लेकर छात्रों को कुछ उपयोगी टिप्स दिए गए। वक्ताओं ने कहा कि हमें हमेशा किसी भी सूचना को संदर्भ में देखना चाहिए और संदिग्ध लिंक और हेडलाइन से बचना चाहिए। इस दौरान जब भी कोई खबर अजीब या अविश्वसनीय लगे, तो उसकी पूरी जांच करनी चाहिए।

इस वर्कशॉप का समापन एक इंटैरेक्टिव सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और सीखे हुए ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करने की बात की। विशवास न्यूज ने छात्रों को इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने और मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया।

क्या बोलीं कुलपति तरुणा गौतम

- डॉ. तरुणा गौतम, कुलपति, (आईआईएलएम विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा कैंपस) ने कहा कि फैक्ट-चेकिंग के प्रति जागरूकता झूठी सूचनाओं से जुड़े मिथकों को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह के प्रोग्राम समाज के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुए हैं, जो गलत जानकारी, दुष्प्रचार और मिथ्या सूचना के क्षेत्रों से निपटने में मदद करते हैं। विश्वस न्यूज की यह पहल जागरूकता फैलाने और व्यक्तियों को मीडिया साक्षर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिससे सही जानकारी का प्रसार बेहतर तरीके से हो सकेगा।

इस प्रकार, आईआईएलएम विश्वविद्यालय में आयोजित इस वर्कशॉप ने छात्रों के बीच मीडिया साक्षरता और फैक्ट-चेकिंग के महत्त्व को लेकर एक नई समझ विकसित की। छात्रों ने इस वर्कशॉप को बेहद उपयोगी बताया और भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रमों की मांग करते हुए कहा कि वे खुद को डिजिटल युग में सही जानकारी के प्रसार के लिए तैयार कर सकें। विश्वास न्यूज का प्रयास इस दिशा में निरंतर जारी रहेगा, ताकि समाज में सही जानकारी का प्रचार हो सके और गलत सूचनाओं की समस्या को नियंत्रित किया जा सके।

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इस वर्कशॉप ने छात्रों को मीडिया के प्रति एक जागरूक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में सही जानकारी के प्रसार और फर्जी खबरों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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