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LAHDC Kargil Election Results: कारगिल पर्वतीय परिषद पर NC-कांग्रेस का कब्जा, उमर अब्दुल्ला ने दिया ये रिएक्शन

भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर कारगिल हिल काउंसिल चुनाव में उतरने का समझौता करने वाली नेकां व कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत हुए हैं। 17 सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी आमने सामने थे। ऐसे में उनका गठजोड़ महज मजबूरी थी। पिछली बार नेकां ने 10 और कांग्रेस ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। उनके गठजोड़ के कारण निर्दलीय प्रत्याशी भी सिमट गए।

By Mohammad SameerEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 09 Oct 2023 06:12 AM (IST)
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कारगिल पर्वतीय परिषद पर नेकां और कांग्रेस का कब्जा (file photo)
राज्य ब्यूरो, जम्मू: कारगिल पर्वतीय विकास परिषद पर नेकां व कांग्रेस गठबंधन ने कब्जा कर लिया है। दोनों दलों ने मिलकर 26 में से 22 सीटों पर कब्जा कर लिया है। दो पर निर्दलीय और दो सीटों पर भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे। मुस्लिम बहुत कारगिल जिले की पर्वतीय परिषद पर नेकां और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ने का एलान किया था, लेकिन स्थानीय तौर पर काफी सीटों पर समझौता नहीं हो पाया और ज्यादातर सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी आमने-सामने थे।

कुछ सीटों पर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ तालमेल कर संयुक्त प्रत्याशी उतारा। पिछले चुनाव में मात्र एक सीट जीतने वाली भाजपा भी एक सीट बढ़ाने में सफल रही, साथ में वोट प्रतिशत भी बढ़ाने में सफल रही। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी दमखम दिखाया। चुनाव में 85 उम्मीदवार मैदान में थे। कारगिल के 95,388 वोटों में से 74026 मतदाताओं ने चार अक्टूबर को मतदान किया था।

कांग्रेस ने 20 और नेकां ने 17 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। नेकां और कांग्रेस नेता इसे आइएनडीआइए गठबंधन की जीत बता रहे हैं।

भाजपा का आधार बढ़ा

कारगिल हिल काउंसिल में भले ही भाजपा ने दो सीट जीती हों, लेकिन पार्टी के मिले वोट संख्या में वृद्धि हुई है। पिछली बार पार्टी ने काउंसिल में सिर्फ एक सीट जीती है। बाद में पीडीपी के दो काउंसलर भाजपा में शामिल हो गए थे। पिछली बार पार्टी को 2800 वोट मिले थे।

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इस बार पार्टी ने नौ हजार वोट हासिल किए हैं। पांच सीट पर भाजपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे। तीन सीटों पर जीत का अंतर 100 मतों से कम रहा।

चुनाव पूर्व समझौता कर मजबूत हुए नेकां-कांग्रेस

भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर कारगिल हिल काउंसिल चुनाव में उतरने का समझौता करने वाली नेकां व कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत हुए हैं। 17 सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी आमने सामने थे।

ऐसे में उनका गठजोड़ महज मजबूरी थी। पिछली बार नेकां ने 10 और कांग्रेस ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। उनके गठजोड़ के कारण निर्दलीय प्रत्याशी भी सिमट गए। नेकां की ओर से प्रचार की कमान उमर अब्दुल्ला ने संभाली थी। वहीं, कांग्रेस के लिए राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा को विस्तार देते हुए कई दिन का दौरान किया था।

जीत से उत्साहित नेशनल कान्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का कहना है- 

भाजपा को नेकां-कांग्रेस गठबंधन के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। यह भगवा पार्टी के लिए एक चेतावनी है। चुनाव के जरिये कारगिल के लोगों ने जम्मू-कश्मीर के विभाजन के खिलाफ एक संदेश दिया है। यह परिणाम उन सभी ताकतों और पार्टियों को एक संदेश है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को जनता की सहमति के बिना विभाजित किया है। 

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- 

यह राहुल गांधी द्वारा पिछले महीने लद्दाख में भारत जोड़ो यात्रा का सीधा असर है। राष्ट्रीय मीडिया इसे भले ही खारिज कर दे, लेकिन कारगिल हिल काउंसिल के चुनावों के परिणामों से पता चलता है कि कांग्रेस अब भाजपा के लगभग पूर्ण सफाए के साथ आगे चल रही है।