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फिल्मों में रोल ऑफर के साथ मिलती थी ऐसी डिमांड इसीलिए टीवी पर किया फोकस -रूही चतुर्वेदी

एकता कपूर के लोकप्रिय शो कुंडली भाग्य में शर्लिन का किरदार निभाने वालीं अभिनेत्री रूही चतुर्वेदी ने शो में पांच साल पूरे किए हैं। हाल ही में खास बातचीत के दौरान रूही ने बताया कि फिल्मों ने उनका स्ट्रगल क्या रहा और उन्होंने फिल्में छोड़ क्यों टेलीविजन का रुख किया।

By Tanya AroraEdited By: Updated: Thu, 16 Jun 2022 04:56 PM (IST)
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kundali bhagya actress ruhi chaturvedi aka sherlyn completes 5 years journey in ekta kapoor show. Photo Credit- Instagram

शिखा धारीवाल, मुंबई। जी टीवी के सीरियल 'कुंडली भाग्य' में शर्लिन के किरदार से मशहूर हुईं अभिनेत्री रूही चतुर्वेदी ने टेलीविजन इंडस्ट्री में पांच साल पूरे कर लिए हैं। एकता कपूर के शो 'कुंडली भाग्य ' में उनकी एंट्री सिर्फ दो महीने के लिए एक कैमियो रोल में हुई थी, लेकिन कुंडली भाग्य से उनका भाग्य ऐसा बदला कि 2 महीने बाद उनका रोल खत्म होने की बजाय बढ़ता ही चला गया। वैसे रूही टेलीविजन इंडस्ट्री में काम करने से पहले फिल्मों में काम करने के लिए बेताब थीं। बॉलीवुड की फिल्मों में काम पाने के लिए रूही ने काफी स्ट्रगल किया लेकिन कही बात नही बनी। रूही ने Jagran.com के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बॉलीवुड में स्ट्रगल और ऑडिशन पर बात करते हुए कई खुलासे किए है।

रूही ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद कर कहा कि, 'मैंने काफी स्ट्रगल किया है, मैं अंधेरी ईस्ट से वेस्ट में ऑडिशन देने आने के लिए मेट्रो से ट्रेवल करती थी और फिर मेट्रो स्टेशन से पैदल चल कर वर्सोवा और आराम नगर जाती थी, क्योकि सबसे ज्यादा स्टूडियो आराम नगर और वर्सोवा की तरफ ही है। यही रूटीन मेरा लगभग हर दिन का था। उस वक्त मैं ऑडिशन के साथ -साथ मॉडलिंग भी कर रही थी।

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रूही अपने सफर के बारे में बताती हुई कहती हैं कि, 'यह मेरे लिए बिल्कुल आसान नही था मुझे खुद याद नहीं मैंने कितने ऑडिशन दिए है और मुझे रिजेक्शन मिला है। असल मे उस दौरान मैं फिल्मों पर फोकस कर रही थी और फिल्मों के लिए ही ऑडिशन दे रही थी, इस दौरान मैं कई अजब -गजब तरह के लोगो से भी मिली जो मुझे कई तरह की सलाह देते थे कि आप ऐसे लोगों से मिलो तो आपको काम मिलेगा और पार्टी में आया करो। वहां चलो अच्छी नेटवर्किंग होती है, इसके अलावा कुछ ऐसे भी लोग थे जो मुझे अजीब से मैसेज करते थे और बोलते थे कि चलो कॉफी पर मिलते हैं, या डिनर पर मिलते है। जब दो -तीन बार मेरे साथ ऐसा हुआ तो मैं समझ गयी कि इनका क्या मतलब है और मैंने उन्हें जवाब देना ही बंद कर दिया'।

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रूही अपनी बात रखते हुए कहती है कि, 'इस इंडस्ट्री में आपको अच्छे और बुरे दोनो तरह के लोग मिलते हैं। लेकिन जब इस तरह के लोगो ने मुझे ऐसा अजब -गजब ऑफर किया तो मैंने मन ही बना लिया कि अब मुझे फिल्मों में काम नही करना है। इतने स्ट्रगल और ऑडिशन के बाद भी काम मिलने की बजाय जब इस तरह के लोग आपको सलाह देने लगे तो बहुत फ्रस्ट्रेशन होती है और वैसा ही मेरे साथ भी हो रहा था तब मैंने डिसाईड किया कि बॉस अब फिल्मों में काम नही करना, बस अब टीवी में ही काम करना है और टेलीविजन में ही ऑडिशन दूंगी क्योंकि टेलीविजन में ऐसी गंदगी नहीं है। टीवी में आपको एजेंट टाइप्स वाले लोग नही मिलेंगे यहां बहुत क्लियर है कि आप अगर रोल में फिट होते है और आपको एक्टिंग आती है तो आपको काम जरूर मिल ही जायेगा।

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अगले सवाल पर रूही कहती हैं  कि, 'फिल्मो में काम करने का भूत उतरा तो मैंने टीवी के लिए ऑडिशन देने शुरू किए और मेरी बड़ी तमन्ना थी कि मैं एकता कपूर के साथ उनके प्रोडक्शन हाउस में काम करूं। इसी दौरान मुझे 'कुंडली भाग्य' में कैमियों रोल के लिए ऑफर आया,तो कैमियों सुनते ही मेरे पापा ने पहले मना कर दिया कि अगर लंबा रोल होता तो ठीक था कैमियो से शुरुआत मत करो। लेकिन मैंने पापा को मनाया और उन्हें समझाया कि कम से कम मेरी शुरुआत तो होगी और एकदम छोटा भी नहीं है, दो महीने का रोल है तो कम से कम 2 महीने तो टीवी पर नजर आऊंगी। मेरे मनाने पर पापा ने भी हॉमी भर दी तो ऐसे मेरी 'कुंडली भाग्य' सीरियल में एंट्री हुई थी और शर्लिन के कैरेक्टर के शेड्स और कहानी के ट्विस्ट कुछ इस तरह सीरयल में आगे बढ़े कि मेरी दो महीने में छुट्टी होने के बजाय मेरा रोल परमानेंट हो गया। अब मैं 'कुंडली भाग्य' सीरियल में पांच साल पूरे कर चुकी हूं'।