Fact Check Story: सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर की बताकर वायरल की गई चीन की पुरानी तस्वीर
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 12 सितंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया है। उनके पार्थिव शरीर को एम्स को दान दे दिया गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स एक तस्वीर वायरल कर रहे हैं। इसमें एक डेड बॉडी के सामने अस्तपाल के कुछ कर्मियों को झुककर सम्मान प्रकट करते हुए देखा जा सकता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वामपंथी नेता सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 12 सितंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया है। उनके पार्थिव शरीर को एम्स को दान दे दिया गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स एक तस्वीर वायरल कर रहे हैं। इसमें एक डेड बॉडी के सामने अस्तपाल के कुछ कर्मियों को झुककर सम्मान प्रकट करते हुए देखा जा सकता है। वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि सीताराम येचुरी के शव को दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने अंतिम सम्मान दिया।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। वायरल तस्वीर की सच्चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले यान्डेक्स टूल का इस्तेमाल किया गया। चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क की वेबसाइट पर 30 सितंबर 2016 को पब्लिश एक खबर में जानकारी देते हुए बताया गया कि पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत के 41 वर्षीय डॉक्टर झाओ जू ने डॉक्टरों के एक समूह के साथ तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शन्नान में स्वेच्छा से काम किया था। कुछ समय बाद जब उनका बीमारी से निधन हो गया तो परिवार ने उनके अंगदान का फैसला लिया। तस्वीर उस वक्त की है, जब अनहुई प्रांत की राजधानी हेफ़ेई शहर में साथी डॉक्टर्स ने झाओ जू की बॉडी को सम्मान दिया।
एम्स दिल्ली में मीडिया प्रभारी और एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर रीमा दादा ने विश्वास न्यूज को बताया कि सीताराम येचुरी के निधन के बाद परिवार ने उनका शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए एम्स को दान कर दिया है। वायरल तस्वीर एम्स की नहीं है।
इस तरह विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि चीन की बरसों पुरानी तस्वीर को वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है। फर्जी दावा कई भाषाओं में वायरल है।
पूरी पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।