Rajkot Royal Family: राजकोट के जडेजा राजपरिवार की संपत्ति पर अब भतीजे ने भी किया दावा
Rajkot Royal Family बहन अंबालिका जीत के बाद अब मनोहर सिंह जडेजा के भाई अनिरुद्ध सिंह जडेजा के पुत्र रण शूरवीर सिंह जडेजा ने भी वसीयत को चुनौती देते हुए राज परिवार की संपत्ति में से बराबरी का हिस्सा मांगा है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में राजकोट के जडेजा राजपरिवार में चल रहे सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति विवाद में बहन की जीत के बाद अब भतीजे ने भी अरबों की संपत्ति पर दावा किया है। राजपरिवार के प्रमुख सदस्य मांधाता सिंह ने इनके दावों को वसीयत के विपरीत बताया है। राजकोट की दीवानी अदालत ने गत दिनों अपने फैसले में मांधाता सिंह की बहन अंबालिका के राज परिवार की संपत्ति पर दावे को जायज ठहराया था। अंबालिका ने अदालत में दावा किया था कि भाई मांधाता सिंह ने उनको अंधेरे में रखकर बुजुर्गों की पैतृक संपत्ति में से उन्हें वंचित रखा तथा उनके परिवार को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया। अंबालिका ने 500 करोड़ रुपये मूल्य के रणजीत पैलेस तथा 400 करोड़ रुपये मूल्य के लाखाजी राजमहल तथा माधापार में सैकड़ों करोड़ रुपये की कृषि भूमि में अपना हिस्सा मांगा।
करीब ढाई साल से चल रहे इस विवाद की सुनवाई के बाद राजस्व कोर्ट ने मांधाता सिंह की बहन अंबालिका के दावे को सही ठहराते हुए संपत्ति में से हिस्सा देने के निर्देश दिए। राजकोट राज परिवार के मुखिया प्रद्युम्न सिंह जडेजा तथा उनके पुत्र मनोहर सिंह जडेजा ने बाकायदा वसीयत के जरिए अपनी संपत्ति का बंटवारा किया था। बहन अंबालिका जीत के बाद अब मनोहर सिंह जडेजा के भाई अनिरुद्ध सिंह जडेजा के पुत्र रण शूरवीर सिंह जडेजा ने भी वसीयत को चुनौती देते हुए राज परिवार की संपत्ति में से बराबरी का हिस्सा मांगा है। अनुमान के तौर पर राजकोट राजपरिवार की 20000 करोड़ रुपये की संपत्ति है। अधिकांश संपत्ति व महल पर मांधाता सिंह काबिज हैं। करीब ढाई साल पहले उनकी बहन अंबालिका ने संपत्ति में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग करते हुए एक वाद दायर किया था। अब उनके पक्ष में फैसला आने के बाद भतीजे रण शूरवीर ने भी अपने बड़े भाई मांधाता सिंह के खिलाफ कानूनी जंग लड़ने का फैसला किया है। प्रांत अधिकारी के फैसले को चुनौती देने के लिए मांधाता सिंह के पास करीब दो माह का वक्त है। इस मामले में आगामी 20 सितंबर को सेटलमेंट को लेकर दोनों पक्ष को बुलाया गया है।
ये संपत्ति है झगड़े की जड़
1. रणजीत पैलेस, कीमत 500 करोड़ रुपये
2. लाखाजी राज जिन महल, कीमत 400 करोड़ रुपये
3. मधापार सरदार जमीन, कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये
4. राज पैलेस, कीमत 60 करोड़ रुपये
5. दरबार गढ़, कीमत 20 करोड़ रुपये
इसके अलावा आशापुरा मंदिर ट्रस्ट, करोड़ों के हीरे, जवाहरात, एंटीक वस्तुएं, पुराने हथियार व तलवारें कोर पैलेस की जमीन विवाद के प्रमुख कारण हैं।