Railway Scrap Scam: जगाधरी वर्कशॉप में लोहे की नीलामी में गड़बड़झाला, संदेह के घेरे में कर्मचारी और आरपीएफ
जगाधरी रेलवे वर्कशॉप में स्क्रैप के वजन में घोटाला कर डाला। तौल में खेल करते हुए नीलामी से ज्यादा लोहा बाहर निकाला जा रहा था। उत्तर रेलवे के बड़ौदा हाउस की विजिलेंस ने यह घोटाला पकड़ लिया है। जगाधरी वर्कशाप से तीन ट्रक नीलाम किया गया लोहा बाहर निकाला गया और विजिलेंस ने कुछ दूरी पर रोक लिया। बाहर धर्म कांटे पर इनका वजन कराया।
अंबाला, दीपक बहल। जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो उसे कोई नहीं बचा सकता। यह कहावत रेलवे पर सटीक बैठती है। जगाधरी वर्कशॉप (Jagadhari Workshop) में स्क्रैप के वजन में घोटाला (Railway Scrap Scam) कर डाला। तौल में खेल करते हुए नीलामी से ज्यादा लोहा बाहर निकाला जा रहा था। उत्तर रेलवे के बड़ौदा हाउस की विजिलेंस ने यह घोटाला पकड़ लिया है।
जगाधरी वर्कशाप से तीन ट्रक नीलाम किया गया लोहा बाहर निकाला गया और विजिलेंस ने कुछ दूरी पर रोक लिया। बाहर धर्म कांटे पर इनका वजन कराया। तौल में इतना अंतर आया कि एक ट्रक में करीब 10 टन तो दूसरे में करीब पांच टन लोहा अधिक पाया गया।
विजिलेंस पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे अधिकारी
इस गड़बड़झाले में जगाधरी वर्कशॉप के कर्मचारियों सहित रेलवे सुरक्षा बल (RPF) संदेह के घेरे में है। इस मामले में कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहा है। विजिलेंस के ज्वाइंट नोट के बाद ही अब पूरे खेल से पर्दा उठेगा। इस घोटाले में फंस रहे अधिकारी अपने आकाओं के माध्यम से विजिलेंस पर भी दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस मामले की जांच विजिलेंस कर रही है। अभी जानकारी साझा नहीं की गई है। ज्वाइंट नोट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। - नीतीश कुमार शर्मा, कमांडेंट, आरपीएफ, अंबाला मंडल
वजन से पहले खाली कराया जाता है ट्रक
वर्कशाप में नीलाम किए स्क्रैप का ऐसे होता है वजन रेलवे का स्क्रैप नीलाम किया जाता है। इसमें जो भी बोलीदाता अधिक बोली लगाता है उसे लोहा उठाने का ऑर्डर दे दिया जाता है। इसके लिए बोलीदाता रेलवे के खजाने में राशि जमा करता है और फिर डिलीवरी के लिए जगाधरी वर्कशॉप आना होता है।
नियम के अनुसार जो भी ट्रक वर्कशाप में आता है, उसका पहले खाली वजन कराया जाता है और फिर स्क्रैप लोड कर वजन किया जाता है। इस सारी प्रक्रिया में दो-तीन विभाग शामिल होते हैं। स्टाक वेरिफायर, एसएसई, आरपीएफ और बोलीदाता इस में शामिल होते हैं। संयुक्त हस्ताक्षर के बाद ही डिलीवरी की जाती है।
वर्कशॉप से बाहर निकलने के बाद विजिलेंस ने रोका
उत्तर रेलवे की विजिलेंस की पकड़ में आया घोटाला जगाधरी वर्कशॉप में चल रहे स्क्रैप घोटाले की जानकारी उत्तर रेलवे की विजिलेंस को पहले ही मिल चुकी थी। सोमवार को स्क्रैप की डिलीवरी की जानी थी। विजिलेंस ने भी अपना जाल बिछा दिया। जब एक-एक कर तीन ट्रक जगाधरी वर्कशॉप से बाहर निकले, तो विजिलेंस ने इनको रोक लिया। इनके पास रेलवे के डिलीवरी और वजन के दस्तावेज थे। विजिलेंस ने इन दस्तावेजों के आधार पर इनका वजन फिर से बाहर धर्म कांटे पर कराया।
इस वजन में खेल निकला। विजिलेंस ने इन ट्रकों को कब्जे में लिया और वर्कशॉप पहुंचकर जांच की। विजिलेंस ने पिछले 24 घंटे से अपना डेरा डाल रखा है। अभी मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। जगाधरी वर्कशॉप के चीफ वर्क्स मैनेजर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनकी जानकारी में नहीं है। वे बाहर हैं।