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उम्र पर जज्बा पड़ा भारी... 106 वर्षीय रामबाई ने दौड़, शॉट पुट व डिस्कम थ्रो में जीते तीन गोल्ड; Haryana का किया नाम रोशन

चरखी दादरी के गांव कादमा की 106 वर्षीय रामबाई ने इतिहास रचा है और उनकी उम्र पर उनका जज्बा भारी पड़ा। उन्होंने दिल्ली में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में 100 मीटर दौड़ शॉट पुट और डिस्कम थ्रो में तीन गोल्ड मेडल प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया। रामबाई ने गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव के साथ ही हरियाणा का भी नाम रोशन किया है।

By sonu jalgra Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 24 Dec 2023 10:00 PM (IST)
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106 वर्षीय रामबाई ने दिल्ली में आयोजित प्रतियोगिता में जीते तीन गोल्ड मेडल

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी। 106 Years Old Rambaai Won Three Gold: दिल्ली में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में गांव कादमा की 106 वर्षीय रामबाई ने इतिहास रचा है। उन्होंने 100 मीटर दौड़, शॉट पुट और डिस्कम थ्रो में तीन गोल्ड मेडल प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया।

रामबाई ने अपने गांव के साथ ही अपने राज्य का भी नाम रोशन किया है। उनके इस जीत ने उनके आने वाली पीढ़ियों के साथ आम लोगों को भी प्रेरित किया है। इनके अलावा गांव झोझू कलां निवासी संतरा देवी ने भी 64 वर्ष की आयु में तीन हजार मीटर वाक, सौ मीटर दौड़, शाट में पहला स्थान प्राप्त कर तीन स्वर्ण पदक जीते।

रामबाई की नातिन ने भी लिया भाग

इसके साथ ही उनकी नातिन ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लेकर गोला फेंक में पहला स्थान लाकर स्वर्ण पदक प्राप्त किए। उन्होंने तीन हजार मीटर पैदल चाल में दूसरा स्थान लाकर रजत पदक व डिस्कस थ्रो में दूसरा स्थान प्राप्त कर रजत पदक हासिल किया। बता दें कि तीनों ने इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर कुल नौ मेडल हासिल किए हैं।

तीन पीढ़ियों के साथ जीत रही मेडलदादरी गांव कादमा की रहने वाली रामबाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, लंबी कूद, शाट पुट में तीन गोल्ड मेडल जीतकर अपनी अलग पहचान बनाने के साथ ही इतिहास भी बना चुकी है।

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रामबाई को मिले नौ मेडल

रामबाई की तीनों पीढ़ियों ने इस प्रतियोगिता में कुल नौ मेडल हासिल करते हुए इतिहास रचा है। बता दें कि उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी का माहौल है और गांव के लोगों ने उन्हें बधाई दी है।प्रतिदिन करती है अभ्यासस्वर्ण पदक विजेता रामबाई ने बताया कि वह खेतों के कच्चे रास्तों पर खेल का अभ्यास कर रही है।

उन्होंने बताया कि वह सुबह चार बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करती हैं। लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास करती हैं। इसके साथ ही वें इस उम्र में भी सात से आठ किलोमीटर तक दौड़ लगाती है। रामबाई अपनी उम्र में मिसाल बनी है और खेलों में हिस्सा ले रही है। रामबाई का कहना है कि वें दूध, दही, चूरमा खाकर 106 वर्ष की आयु में निरोगी है।

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