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फूल-पत्तियों की आकर्षक चित्रकारी, कितनी सुंदर प्रकृति हमारी

फूल-पत्तियों की आकर्षक चित्रकारी बता रही कितनी सुंदर प्रकृति है हमारी।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 21 Apr 2022 05:54 PM (IST)
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फूल-पत्तियों की आकर्षक चित्रकारी, कितनी सुंदर प्रकृति हमारी

अनिल बेताब, फरीदाबाद : फूल-पत्तियों की आकर्षक चित्रकारी, बता रही कितनी सुंदर प्रकृति हमारी। पेड़-पौधे, झरने, नदियां, पहाड़, पंछी यह सब प्रकृति ही तो है, जो हमारी पृथ्वी की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। कई लोग प्राकृतिक सुंदरता को समझते हैं ओर इसे कायम रखने में अपना यथासंभव सहयोग करते हैं। गांव मंझावली निवासी सीमा भी ऐसी ही प्रकृति प्रेमी महिला हैं, जो सूखे फूल-पत्तियों से चित्रकारी करती हैं।

सीमा के घर में अलग-अलग फूलों के पौधे लगे हैं। कई बार जब फूल टूट कर गिर जाते हैं, तो बहुत से लोग इन सूखे फूल-पत्तियों को कचरा के साथ ही डस्टबिन में डाल देते हैं। मगर सीमा ने इन फूलों के महत्व को समझा है। सीमा कहती है कि जब तेज हवाएं चलती हैं, तो कई बार टहनी से टूट कर फूल गिर जाता था। घर आंगन में फूलों को टूटते हुए देखा कि बच्चे उन्हें डस्टबिन में डाल देते थे। उन्होंने बच्चों को समझाया कि इन फूलों को डस्टबिन में न डालें। फिर सोचा कि क्यों न किसी तरह से इनका सदुपयोग किया जाए। लक्ष्य ग्रामीण संस्था ने किया मार्गदर्शन

इस बारे में सीमा ने लक्ष्य ग्रामीण विकास संस्था की सचिव गीता सिंह से बातचीत की। गीता सिंह ने मार्गदर्शन दिया और कहा कि पृथ्वी को सुंदर बनाना है, तो खुद पहल करनी होगी। उसके बाद सीमा ने इन सूखे फूलों से चित्रकारी का प्रशिक्षण लिया। राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण एवं विकास बैंक (नाबार्ड) के अधिकारियों को पता चला, तो उन्होंने भी प्रोत्साहित किया। सीमा कहती हैं कि उनके पति बिजेंद्र किराने की दुकान चलाते हैं। अब तक वह जो चित्रकारी करती रही हैं। लक्ष्य ग्रामीण विकास संस्था की ओर से इसकी खरीदारी की जाती है। बहुत से लोग उनके घर से ही चित्रकारी खरीद कर ले जाते हैं। उन्होंने नाबार्ड के सौजन्य से चलने वाली कक्षाओं में फैशन डिजाइनिग का भी प्रशिक्षण लिया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आनलाइन मार्केटिग का हुनर भी सिखाया गया। उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अब वह जल्दी ही शुष्क ग्रीटिग कार्ड, गुलदस्ता, फ्रेम, मोमबत्ती स्टैंड तथा वाल हैंगिग भी बनाएंगी। इनकी मार्केट में मांग है। पहले शीट पर करते हैं चित्रकारी, फिर करते हैं फ्रेम

सीमा बताती हैं कि कुछ दिनों तक फूलों को अच्छी तरह से सुखाने के लिए कापी या किताब में रखा जाता है। बाद में ड्राइंग शीट पर गोंद से फूलों को चिपका कर डिजाइन तैयार कर लिया जाता है। इस काम में शहतूत और नीम की पत्तियां भी प्रयोग में लाई जाती हैं। जब आकर्षक चित्रकारी हो जाती है, तो इसको फ्रेम में फिट कर किया जाता है।

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