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लुभा रही विदेशी हस्तशिल्पियों की कारीगरी

सूरजकुंड मेले में मुख्य एवं छोटी चौपाल पर होने वाले कार्यक्म से लोगों को भा रहे हैं।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 30 Mar 2022 06:03 PM (IST)
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लुभा रही विदेशी हस्तशिल्पियों की कारीगरी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सूरजकुंड मेले में मुख्य एवं छोटी चौपाल पर होने वाले कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न राज्यों से आए हस्तशिल्पी एवं कलाकार भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं मेला परिसर में घूम रहे बहरूपियों के साथ पर्यटक फोटो खिचवाकर मेले की यादों को अपने मोबाइल के कैमरे में संजो रहे हैं। न्यूज पेपर से बने ट्रे की कर रहे हैं खरीदारी

न्यूजपेपर से तैयार की गई ट्रे व युगांडा की संस्कृति को दर्शाता मुखौटा सूरजकुंड मेले में आने वालों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। युगांडा आर्ट एंड क्राफ्ट एसोसिएशन के सदस्य मेले में अपनी संस्कृति व वन्य जीवों से संबंधित हस्तशिल्प का सामान लेकर आए हैं। नेशनल आर्ट एंड कल्चर क्राफ्ट्स एसोसिएशन आफ यूगांडा की संस्कृति और वन्य जीवन को दर्शाते मनमोहक सजावटी व घरेलू उपयोग की वस्तुओं से भरपूर स्टाल लोगों का मन मोह रही है। उज्बेकिस्तान के सुई धागे से बने कपड़ों पर कारीगरी देख पर्यटक हैरान

बड़ी चौपाल के सामने मुख्य मार्ग पर उज्बेकिस्तान के सुई धागे से बनी कपड़ों पर कारीगरी पर्यटकों का मन मोह रही है। मेला के मुख्य द्वार के बाद थोड़ी ही दूरी पर पार्टनर देश उज्बेकिस्तान के स्टालों के दर्शन होने लगते हैं। यहां मुख्य सड़क के दाईं ओर बड़ी चौपाल के सामने ये दुकानें लगाई गई है। ताशकंद की नीलोफर व गुलमीरा ने बताया कि वह उज्जबेकिस्तान के कपड़ों पर सुई धागे से कारीगरी के सामान को सूरजकुंड मेले में लाई हैं। इनमें मुख्य रूप से पर्श, लैपटाप बैग, टेबल कवर, तकिए के कवर, कुर्ते, जाकेट, हैंड बैग, चादर सहित अन्य घरेलू सामान मेरे में दर्शकों का मन मोह रही है। विद्यार्थियों ने रंगोली प्रतियोगिता में लिया भाग

सूरजकुंड मेले के 11वें दिन मंगलवार को 11 स्कूलों के 181 विद्यार्थियों ने छोटी चौपाल पर रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। चार स्कूलों के 47 विद्यार्थियों ने नृत्य कला का प्रदर्शन किया। कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने रंगों के माध्यम से पर्यटकों को संदेश दिया। स्कूली बच्चों ने छोटी चौपाल प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की पूरी तस्वीर रंगोली के माध्यम से धरती पर उतार दी। विद्यार्थियों ने यूक्रेन और रूसी सेना के बीच चल रहे युद्ध की विभीषिका को रंगोली के माध्यम से दिखाया है। इसमें लिखा है कि तीसरा विश्वयुद्ध नहीं बातचीत ही समाधान। इसमें युद्ध के बाद होने वाली मानवीय त्रासदी को भी बखूबी दिखाया गया है।

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