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गुरुग्राम के इस इलाके में रिहायशी घरों से काटे जाएंगे बिजली, पानी के साथ सीवर कनेक्शन; वजह आई सामने

Gurugram News गुरुग्राम शहर के पालम विहार में 500 वर्ग गज के 11 रिहायशी प्लॉटों पर अब प्रशासन ने कार्रवाई का मन बना लिया है। यहां पर अवैध रूप से बने फ्लैटों पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डीटीपीई की ओर से एक्शन शुरू हो गया है। आप इस खबर के माध्यम से जानिए किस-किस एरिया में यह कार्रवाई होगी।

By Aditya Raj Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 20 Sep 2024 03:49 PM (IST)
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Gurugram News: पालम विहार में 11 इमारतों के काटे जाएंगे बिजली और पानी का कनेक्शन। फाइल फोटो

गौरव सिंगला, गुरुग्राम। पालम विहार में 500 वर्ग गज के 11 रिहायशी प्लाटों पर अवैध रूप से बने 16-16 फ्लैटों पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डीटीपीई की तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी है। इस संबंध में डीटीपीई ने नगर निगम गुरुग्राम आयुक्त, कार्यकारी अभियंता को इन इमारतों के सीवर, पानी तथा ड्रेन का कनेक्शन काटने।

बिजली निगम को बिजली का कनेक्शन काटने तथा तहसीलदार को इन मकानों में आगे किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री न करने को लेकर पत्र लिखा है। यह मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। पालम विहार सी-टू ब्लॉक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन तथा स्थानीय निवासियों की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर की हुई है।

अवैध निर्माण के कारण लोग हैं परेशान

पालम विहार के सी-टू ब्लॉक में अवैध निर्माण के चलते लोग परेशान हैं। दो सप्ताह पहले निवासियों की तरफ से बड़ा प्रदर्शन भी किया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई, जिस पर कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई तक जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं।

इसके बाद डीटीपीई कार्यालय भी मामले को पूरी तरह गंभीरता से ले रहा है। डीटीपीई की तरफ से प्लाट न0 913, 1310, 921, 1251, 924, 979बी, 956, 1226, 922, 935, 951 के विरुद्ध नगर निगम गुरुग्राम, बिजली निगम और तहसीलदार को पत्र लिखा गया है।

अवैध फ्लैटों के निर्माण के चलते स्थानीय लोगों को होती दिक्कत

इससे पहले भी डीटीपीई की तरफ से कई इमारत मालिकों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की हुई है। कुछ इमारत मालिकों ने अवैध तरीके से बिल्डिंग डी-सील कर ली है, जिसके बाद विभाग ने दोबारा सीलिंग की कार्रवाई करते हुए एक नई एफआईआर की भी सिफारिश की। अवैध फ्लैटों के निर्माण के चलते स्थानीय निवासी बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

हैरानी की बात यह है कि नियमों के हिसाब से एक फ्लोर पर ही एक ही यूनिट बन सकती है लेकिन बिल्डरों ने चार से छह यूनिट बना दी और तहसीलदारों की मिलीभगत से इनकी रजिस्ट्री भी करा दी गई है और उसी आधार पर बिजली कनेक्शन भी जारी हो गया।

इस प्रकार के अवैध निर्माण से यह शहर स्लम में तब्दील होता नजर आ रहा है। तीनों विभागों को कार्रवाई करने के संबंध में पत्र लिख दिया गया है। एन्फोर्समेंट कार्यालय अपनी तरफ से मामले में जो भी कार्रवाई है, उस पर अमल कर रहा है।

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