Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

चार दिनों तक रखा भूखा, ATM पिन के लिए शरीर पर डाला तेजाब; रुपये की लालच में साथियों ने की व्यक्ति की हत्या

गुरुग्राम में आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर रुपये के लालच में अपने सहकर्मी को अगवा कर चार दिनों तक बंधक बनाए रखा। इस दौरान चारों दिन भूख से तड़पाया और अपनी पैसों की भूख मिटाते रहे। जब तक उनके खाते में रुपये रहे तब तक उनकी सांस चलती रही। जब खाते में रुपये नहीं रह गए तो आरोपियों ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी।

By Vinay TrivediEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Tue, 17 Oct 2023 07:37 PM (IST)
Hero Image
रुपये की लालच में साथियों ने की व्यक्ति की हत्या

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। कंपनी में साथ में काम करने वाले प्रदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर रुपये के लालच में अपने सहकर्मी प्रवीण को अगवा कर चार दिनों तक बंधक बनाए रखा। आरोपितों ने उन्हें चारों दिन भूख से तड़पाया और अपनी पैसों की भूख मिटाते रहे।

ATM पिन के लिए शरीर पर फेंका तेजाब

उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। यहां तक कि डेबिट कार्ड का पिन नंबर उगलवाने के लिए उनके शरीर पर तेजाब भी फेंका गया। पुलिस पूछताछ में हत्या में शामिल प्रदीप, अक्षय और विनय ने बताया कि बंधक बनाने के दौरान प्रवीण के पास से डेबिट कार्ड ले लिया गया और अलग-अलग जगह से उनके खाते से प्रतिदिन एटीएम से रुपये निकाले जाते रहे।

जब तक उनके खाते में रुपये रहे, तब तक उनकी सांस चलती रही। जब खाते में रुपये नहीं रह गए तो आरोपियों ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उनके शव को मेवात के गांव मोहम्मदपुर अहीर में फेंक दिया। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उनके शरीर के हर अंग पर चोट के निशान पाए गए। सबसे ज्यादा निशान पीठ और पैरों पर मिले। लोहे की सरिया, लाठी डंडे और बेल्ट से बेरहमी से उन्हें पीटा गया।

घरवालों से नहीं हुई बात तो हुआ शक

45 वर्षीय प्रवीण त्रिवेदी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ के रहने वाले थे। लखनऊ में रहने वाले उनके बड़े भाई डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि प्रवीण की शादी नहीं हुई थी। प्रवीण 20 साल पहले गुरुग्राम आए थे। उन्होंने कई कंपनियों में काम करने के दौरान एक साल पहले ही आईएमटी मानेसर स्थित रानी पालीमर कंपनी ज्वाइन की थी।

उनकी प्रतिदिन वाट्सएप और फोन पर बात होती थी। पांच अक्टूबर की शाम से उनसे कोई बात नहीं हुई और फोन नंबर भी स्विच ऑफ मिला। इस पर घरवालों ने मोबाइल फोन खराब होने की बात सोची। जब आठ अक्टूबर तक भी कोई फोन नहीं आया तो कंपनी से संपर्क किया गया। वहां से भी जानकारी न मिलने पर प्रबोध गुरुग्राम आए और सिविल लाइन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

यह भी पढ़ें- शादी के दूसरे ही दिन दुल्हन ने कर दिया कांड, घरवालों ने कमरे में जाकर देखा तो उड़ गए होश

नूंह पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार

नूंह पुलिस ने 10 अक्टूबर को गांव मोहम्मदपुर अहीर से प्रवीण का शव बरामद किया था। लेकिन शव की पहचान न होने पर 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराकर शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। शव का बिसरा सुरक्षित रख लिया गया था। जब अक्षय और अन्य आरोपितों ने शव के फेंके जाने की बात स्वीकार की तो सिविल लाइंस थाना पुलिस ने नूंह पुलिस से संपर्क कर शव की पहचान की। इस मामले में थाना पुलिस ने अक्षय को हरिद्वार से पकड़ा था। उसकी निशानदेही पर प्रदीप और विनय को भी गिरफ्तार कर हत्याकांड का पर्दाफाश किया था।

पार्ट टाइम जाब कर रहे थे दो आरोपित

पुलिस पूछताछ में विनय और अक्षय ने बताया कि वह दोनों सामान डिलीवर करने वाली ब्लिंकिट कंपनी में पार्ट टाइम जाब कर रहे थे। प्रदीप ने जब अपहरण और हत्या की साजिश रची तो इन दोनों को भी अपने साथ मिल लिया।

एक अन्य खाते में जमा करते थे रकम

प्रबोध ने बताया कि प्रवीण की सैलरी आईसीआईसीआई बैंक में आती थी। प्रवीण उस बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर कर अपने एक अन्य एसबीआई बैंक खाते में जमा कर देते थे। वह खाता लखनऊ ब्रांच में था। प्रवीण इस बैंक खाते का एटीएम कार्ड अपने पास नहीं रखते थे।

सिविल लाइंस थाना पुलिस टीम ने ब्लाइंड मर्डर केस को सफलतापूर्वक सुलझाया है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है। तीनों ने बड़ी ही बेरहमी से प्रवीण की हत्या की और शव फेंका। जल्द ही इन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा। -वरुण दहिया, एसीपी क्राइम

यह भी पढ़ें- गुरुग्राम में रुपये की लालच में सहकर्मी को किडनैप कर मार डाला, युवक की हत्या के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार