Haryana News: तिजोरी तोड़ने वाले हाथ अब बनाएंगे लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति, हर महीने मिलेंगे इतने रुपये
हिसार के सेंट्रल जेल (Hisar Central Jail) में बंद कैदियों को सजावट के साथ सिलाई कढ़ाई भी सिखाई जाएगी। इसके लिए दिल्ली की गिफ्टिंग स्माइल फाउंडेशन से मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेडिंग (एमओयू) साइन किया गया है। इस काम के लिए कैदियों को मेहनताना भी दिया जाएगा। इनके बनाए गए सामान को सूरजकुंड जैसे मेलों में बेचा भी जाएगा। अगले सप्ताह इस पर काम शुरू होगा।
सुभाष चंद्र, हिसार। हिसार में राजगढ़ रोड स्थित सेंट्रल जेल-2 में बंद कैदी व बंदी जो तिजोरी व मकानें के ताले तोड़ने के जुर्म में जेल में बंद हैं, अब लकड़ियों से भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियां, सजावट का सामान, विभिन्न तरह की कलाकृतियां बनाते और सिलाई-कढ़ाई करते नजर आएंगे।
इस काम का इन्हें मेहनताना दिया जाएगा। साथ ही इनके बनाए गए सामान को सूरजकुंड जैसे मेलों में बेचा भी जाएगा।
कैदियों को सही रास्ते पर चलाने का प्रयास
इससे जो आमदनी होगी उसका उपयोग कैदियों व बंदियों को सही मार्ग पर चलाने के कार्यों में खर्च किया जाएगा। सेंट्रल जेल-2 ने कैदियों व बंदियों को आपराधिक गतिविधियों से हटाकर सही मार्ग पर चलाने के लिए दिल्ली की गिफ्टिंग स्माइल फाउंडेशन से मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेडिंग (एमओयू) किया है।
इसके तहत फाउंडेशन जेल में महिला व पुरुष कैदियों व बंदियों को लकड़ी की कलाकृतियों के साथ सजावट के सामान के लिए सामान भी उपलब्ध करवाएगी। साथ ही विभिन्न तरह के सजावट के सामान बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। अगले सप्ताह से इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
प्रति महीना एक हजार रुपये मिलेंगे
महिला कैदियों व बंदियों को इस काम के लिए मेहनताना भी मिलेगा। काम करने वाले प्रत्येक कैदी व बंदी को एक-एक हजार रुपये दिए जाने की योजना है। यह एमओयू तीन महीने के लिए किया गया है।
इससे जेल में बंद अन्य कैदी व बंदी भी इसी तरह के कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। काम सीखने के बाद जेल से बाहर आने पर ये लोग इन कार्यों को अपनी आजीविका का साधन भी बना सकते है।
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30 महिलाओं व 30 पुरुषों को दी जाएगी ट्रेनिंग
एमओयू के अनुसार जेल में बंद 30 महिलाओं व 30 पुरुषों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद यह लोग फर्नीचर सजावट का सामान बनाएंगे।
इनमें लकड़ी से बने छोटी मेज कुर्सी, पेन स्टेंड, डायरी स्टेंड, मोबाइल स्टैंड, बोटल स्टैंड, छोटे-छोटे हाथी, बंदर सहित जीव-जंतुओं की कलाकृतिया, बैलगाड़ी, भगवानों की मूर्तियों सहित अन्य सजावट का सामान बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही सिलाई-कढ़ाई का काम भी सिखाया जाएगा। इसकी लिए कंपनी की ओर से मशीनें भी भेजी गई है।
सेंट्रल जेल-2 के अधीक्षक रमेश कुमार ने बताया कि कैदियों व बंदियों को सजावट के साथ सिलाई कढ़ाई सिखाई जाएगी। इसके लिए पांच मशीनें आ चुकी हैं और 10 और आनी हैं। सेंट्रल जेल-2 में बनी वर्कशाप में काम शुरू किया जाएगा।
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