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Haryana: मिड डे मील वर्कर और सहायिकाओं को अब मिलेगा 5 लाख तक का मुफ्त इलाज, 1500 रुपये की कटौती में मिलेगी ये सुविधाएं

हरियाणा के राजकीय स्कूलों में मिड डे मील वर्करों एवं सहायिकाओं के लिए आयुष्मान भारत चिरायु योजना (Haryana Chirayu Yojana) के तहत 5 लाख तक का सालाना मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए योजना में पंजीकृत करने के बाद हार्ड और सॉफ्ट कॉपी कर निदेशालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसको जल्द से जल्द भेजने की बात कही है जिससे इसका जल्द लाभ मिल सके।

By Pradeep Duhan Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 28 Dec 2023 10:30 PM (IST)
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मिड डे मील वर्कर और सहायिकाओं को अब मिलेगा 5 लाख तक का मुफ्त इलाज

सुमित कुमार, हांसी। प्रदेश के राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए दोपहर का भोजन पका रहे मिड-डे-मील वर्करों एवं सहायिकाओं को भी अब आयुष्मान भारत चिरायु योजना (Haryana Chirayu Yojana) के तहत साल में 5 लाख रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। इस मुफ्त इलाज की सुविधा की एवज में मिड-डे-मील वर्कर के मानदेय से सालाना 1500 रुपये की कटौती की जायेगी।

हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशक पंचकुला ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर मिड-डे-मील वर्करों को उनकी सहमति पर आयुष्मान भारत चिरायु योजना (Haryana Chirayu Yojana) में शामिल पंजीकृत करने के निर्देश जारी किये हैँ। कुछ दिनों पहले ही शिक्षा अधिकारियों के पास पंचकुला निदेशक द्वारा निर्देश प्राप्त हुए है। जिसमे मिड-डे-मील वर्करों की सहमति के साथ उन्हें पंजीकृत कर उनका हार्ड व सॉफ्ट कॉपी आगामी कुछ दिनों के अंदर निदेशालय भिजवाए जाने के बारे कहा गया है जिससे जल्द से जल्द आयुष्मान भारत चिरायु योजना का लाभ मिल सकें।

1500 रुपये की वार्षिक कटौती से मिलेगा पांच लाख का इलाज

बता दें कि प्रदेश सरकार आयुष्मान भारत चिरायु योजना के तहत परिवार पहचान पत्र में 1.80 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले परिवारों को निशुल्क 5 लाख रुपये तक उपचार सुविधा मुहैया करवा रही है। इसके साथ ही परिवार पहचान पत्र में 1.80 से 3 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों को मात्र 1500 रुपये का वार्षिक शुल्क देने पर 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।

प्रदेश सरकार ने अब राज्य के राजकीय प्राइमरी, मिडिल एवं उच्च विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए दोपहर का भोजन पकाने वाले मिड-डे-मील वर्करों एवं सहायिकाओं को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुविधा मुहैया करवाने का निर्णय लिया है।

इसके लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय ने 26 दिसंबर को सभी जिला मौलिक व खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों एवं सहायिकाओं को उनकी सहमति पर आयुष्मान भारत चिरायु योजना में पंजीकृत करने के निर्देश दिये है।

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मौलिक शिक्षा निदेशक ने पत्र में बताया है कि आयुष्मान भारत चिरायु योजना में पंजीकृत मिड-डे मील वर्करों एवं सहायिकाओं के वेतन से सालाना 1500 रुपये काटे जायेंगे। निदेशक ने अपने पत्र के साथ प्रोफार्मा जारी कर उसमें मिड-डे मील वर्कर एवं सहायिकाओं का नाम, पति का नाम, स्कूल का नाम व कोड, परिवार पहचान पत्र की संख्या, वर्कर के मोबाइल नंबर तथा आयुष्मान योजना में शामिल होना चाहते हैं। सहमति तालिका अनुसार भरकर आगामी दो दिनों में हार्ड व सॉफ्ट कापी शिक्षा निदेशालय को भिजवाने के बारे निर्देश दिये है।

मिड डे मील वर्कर के वेतन से होगी सालाना कटौती

हांसी के खंड शिक्षा अधिकारी विनोद श्योराण ने कहा कि राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए दोपहर का भोजन पकाने वाले मिड-डे-मील वर्करों एवं सहायिकाओं को आयुष्मान भारत चिरायु योजना में पंजीकृत कर उन्हें सालाना 5 लाख रुपये तक निशुल्क उपचार सुविधा मुहैया करवाने का निर्णय लिया है। इसके सुविधा के लिए मिड-डे-मील वर्कर एवं सहायिका के वेतन से सालाना 1500 रुपये काटे जायंगे। इसके लिए सरकार ने मिड-डे-मील वर्करों से सहमति मांगी है। यदि कोई वर्कर अपनी सहमति नहीं देता है तो उसे योजना में पंजीकृत नहीं किया जायेगा।

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