करनाल के मिश्रित मोटे अनाज से बनेगी देशभर के लोगों की सेहत, IIWBR और मिलेट रिसर्च संस्थान के बीच साइन हुआ MoU
Karnal Grain करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आइआइडब्ल्यूबीआर) देशभर में गेहूं एवं जौ की विकसित प्रजाति किसानों को उपलब्ध कराता है। हाल ही में संस्थान की ओर से गेहूं की पांच नई प्रजाति प्रदान की गई।
करनाल, कपिल पूनिया। करनाल का मिश्रित मोटा अनाज देशभर के लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ सेहत बनाएगा। यहां स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आइआइडब्ल्यूबीआर) मोटे अनाज का मिश्रण बनाकर हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मिलेट रिसर्च (आइआइएमआर) को उपलब्ध कराएगा। आइआइएमआर की ओर से उत्पाद की गुणवत्ता की जांच के बाद उसे बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए आइआइडब्ल्यूबीआर और आइआइएमआर के बीच करार हस्ताक्षरित किया गया है।
करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आइआइडब्ल्यूबीआर) देशभर में गेहूं एवं जौ की विकसित प्रजाति किसानों को उपलब्ध कराता है। हाल ही में संस्थान की ओर से गेहूं की पांच नई प्रजाति प्रदान की गई। इन प्रजाति से किसानों ने 31 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार प्राप्त की है। इसके साथ संस्थान किसानों को बेहतर फसल लेने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करता है।
केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2023 को मिलेट ईयर (मोटा अनाज) के रूप में मनाया जा रहा है। कोरोना काल में महामारी से बचाने में इम्युनिटी ने अहम भूमिका निभाई है। भारत के लोग शुरुआत में मोटे अनाज पर निर्भर थे, जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर थी। वर्तमान में लोग फास्टफूड पर निर्भर होते जा रहे हैं, जिससे प्रतिरोधक क्षमता घटने के साथ वे मोटापे के शिकार हो रहे हैं।
मोटे अनाज के इस्तेमाल किया जा रहा प्रेरित
अब देश के लोगों को फिर मोटे अनाज के इस्तेमाल करने के लिए सरकार की ओर से प्रेरित किया जा रहा है। इसे लेकर करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मिलेट रिसर्च के साथ करार हस्ताक्षरित किया है। करनाल स्थित संस्थान गेहूं, जौ, चना, बाजरा, ज्वार का मिश्रण आइआइएमआर को उपलब्ध कराएगा। आइआइएमआर उत्पाद की गुणवत्ता जांच के बाद उसे बाजार में उपलब्ध कराएगा।
प्रदान किए जाएंगे बेहतर उत्पाद
आइआइडब्ल्यूबीआर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि संस्थान ने आइआइएमआर के साथ एमओयू साइन किया है। इसके तहत संस्थान की ओर से मोटे अनाज का मिश्रण तैयार किया जाएगा। सभी अनाज संस्थान के फार्म पर उगाए जाएंगे। आइआइएमआर उत्पाद की गुणवत्ता जांच के बाद उसे बाजार में लोगों के लिए उपलब्ध कराएगा।