Mewat: चुनावी ड्यूटी लगाने-हटाने में कर्मचारियों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
Mewat पंचायत चुनावों को लेकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन तावड़ू उपमंडल अधिकारी कार्यालय में कुछ कर्मचारी चुनाव में ड्यूटी लगाए गए कर्मचारियों के नाम काटने व जोड़ने को लेकर जमकर सेवा शुल्क वसूल रहे हैं।
मेवात, जागरण टीम: जिला नूंह में आगामी 30 अक्टूबर व दो नवंबर को होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन, तावड़ू उपमंडल अधिकारी कार्यालय में कुछ कर्मचारी चुनाव में ड्यूटी लगाए गए कर्मचारियों के नाम काटने व जोड़ने को लेकर जमकर सेवा शुल्क वसूल रहे हैं।
नाम न छापने की शर्त पर कई कर्मचारियों ने बताया कि एसडीएम कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अपने ही अधिकारी को अंधेरे में रखकर ड्यूटी काटने के नाम पर जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि ऐसा भी हो रहा है कि एक ही कर्मचारी की दो-दो जगह चुनावों में ड्यूटी लगाई गई है। अब यह समझ में नहीं आता कि एक ही कर्मचारी एक समय में दो जगह कैसे ड्यूटी दे सकता है।
कलवाड़ी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत क्लर्क जितेंद्र की ड्यूटी तावड़ू खंड के अलावा नगीना में भी लगाई गई है। वहीं मार्केट कमेटी कार्यालय में कार्यरत आक्शन रिकार्डर श्वेतकेतु की तीन बार ड्यूटी बदली जा चुकी है। ऐसा ही मार्केट कमेटी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अमित के साथ हुआ है।
मार्केट कमेटी कार्यालय के कर्मचारी पवन की जो ड्यूटी पहले चुनाव में लगाई गई थी उसको काटकर रोहित सहरावत को लगा दिया गया है। जबकि तावड़ू मार्केट कार्यालय में ई-नेम का यह अकेला कर्मचारी है। इसकी चुनावों में ड्यूटी लगने से बाजरे की खरीद पूरी तरह प्रभावित होगी या कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मंडी में बाजरे की खरीद बंद करनी होगी। क्योंकि इसी अकेले कर्मचारी को गेट पास काटने, बिड व आक्शन चढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
इससे स्पष्ट होता है कि पैसा वसूली के चक्कर में ड्यूटी लगाने में भी सभी नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियमों के अनुसार ई-नेम कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जा सकती। इससे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं लेन देन का खेल जमकर चल रहा है।
विदित हो कि इससे पूर्व भी एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों पर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में मोटी फीस वसूली के मामले सामने आए थे। जहां बिना ड्राइविंग टेस्ट लिए ही दर्जनों लोगों को टेस्ट में पास कर लाइसेंस बनाए गए थे। इसको लेकर तत्कालीन उप मंडल अधिकारी सुरेंद्र पाल ने कई बार कर्मचारियों को लताड़ भी लगाई। अब वही कर्मचारी नए अधिकारी को अंधेरे में रख अलग-अलग तरीके से वसूली कर रहे हैं।
इनका कहना है
ऐसा कुछ नहीं है, चुनावी ड्यूटी डीआइओ आफिस के निर्देश पर लगाई गई हैं। यदि बार-बार ड्यूटी बदली जा रही है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा। यदि इसमें कोई कार्यालय का कर्मचारी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। - रणवीर सिंह, उपमंडल अधिकारी, तावड़ू