Haryana: GSO भर्ती में आरक्षण को लेकर HC में चुनौती, ब्राह्मण खाप बोली- 'भर्ती रोको गैंग बाज न आया तो होगा राजनीतिक बहिष्कार'
हरियाणा में आरक्षण पर भर्ती को लेकर मामला एक बार फिर तूल पकड़ गया है। हिसार के कपिल भांभू ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर 46 युवाओं को ग्रिड सब स्टेशन ऑपरेटर के पद पर नियुक्त करने का विरोध जताया है। ब्राह्मण खाप और भगवान परशुराम महाकुंभ आयोजन समिति ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि भर्ती रोको गैंग अपनी हरकतों से बाज आएं अन्यथा राजनीतिक बहिष्कार होगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईपीबीजी) को सरकारी नौकरियों में मिले आरक्षण के लाभ को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई है। हिसार के कपिल भांभू ने अपने वकील राहुल हुड्डा के माध्यम से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 46 युवाओं को बिजली विभाग में ग्रिड सब स्टेशन ऑपरेटर (जीएसओ) के पद पर नियुक्ति का विरोध किया है। प्रदेश में 18 विभागों के 165 ऐसे युवाओं की नियुक्तियां और लंबित हैं, जिन्हें सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिले 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलने की संभावना है।
आरक्षण का विवाद लंबा खिंचने के आसार
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में यह मामला दोबारा चले जाने के बाद अब आरक्षण का विवाद लंबा खिंचने के आसार बन गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं का आरक्षण बहाल कराने का भरोसा दिलाया था, जिसके बाद बिजली विभाग में 46 ग्रिड सब स्टेशन ऑपरेटरों की 2018 से लंबित नियुक्तियों को क्लीयरेंस देते हुए ज्वाइनिंग आदेश जारी कर दिए गए थे।
इन नियुक्तियों के आदेश के बाद बाकी बचे विभागों के कर्मचारियों को भी अपनी नियुक्तियों की आस बंधी थी, लेकिन बिजली विभाग की इन नियुक्तियों को हाई कोर्ट में चुनौती दिए जाने से अभी बाकी बचे कर्मचारियों को और इंतजार करना पड़ सकता है।
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ब्राह्मण खाप और भगवान परशुराम महाकुंभ आयोजन समिति ने जताई आपत्ति
ब्राह्मण खाप के प्रदेश अध्यक्ष अशोक शर्मा और भगवान परशुराम महाकुंभ आयोजन समिति के समन्वयक शीशपाल राणा ने कहा कि ईपीबीजी के तहत होने वाली नियुक्तियों में अडंगा डालने वालों को बेनकाब किया जाएगा। ऐसे राजनीतिक लोगों को चुनाव में ब्राह्मण, बनिये, राजपूत और पंजाबी मुहंतोड़ जवाब देंगे। यदि भर्ती रोको गैंग इन नियुक्तियों में आड़े आया तो उनका सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार करने के लिए आंदोलन शुरू किया जाएगा।
हरियाणा की भाजपा सरकार ने शिक्षण संस्थानों में दाखिले व सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए सामान्य जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए इस आरक्षण का प्रविधान किया था। प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में पांच प्रतिशत तथा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी, जो अब वर्ग विशेष को रास नहीं आ रही है।
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अशोक शर्मा और शीशपाल राणा ने बताया कि भर्ती रोकने के लिए विरोधियों ने हाई कोर्ट में केस डालने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने सवाल किया कि इन गरीब युवाओं की नियुक्ति से किसी को क्या हानि हो सकती है, जो इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। गरीबों का हक छीनने की आदत बना चुके भर्ती रोको गैंग को सुधरने की सलाह देते हुए कहा कि यदि वे नहीं माने तो आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए हम तैयार हैं।