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पंजाब सहित 6 राज्यों का हरियाणा चुनाव पर दिखेगा असर, पढ़ें, कैसे सीमा से लगे राज्य इलेक्शन में निभाएंगे बड़ी भूमिका?

Haryana Assembly Elections हरियाणा में पांच अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होगा। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हैं। इसी कढ़ी में भाजपा-कांग्रेस ने पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की है। खास बात है कि कांग्रेस-भाजपा ने उन नेताओं चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी हैं जिनके राज्यों की सीमा हरियाणा से लगती है। पार्टियां इस तरह सियासी समीकरण बांधने में जुटी है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 18 Sep 2024 12:02 PM (IST)
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हरियाणा की सभी सीटों पर एक ही चरण में होगा मतदान

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Haryana Vidhansabha Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव पर आसपास के छह राज्यों का असर देखने को मिल सकता है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में 45 सीटें ऐसी हैं, जो छह राज्यों की सीमा से सटी हैं। राजस्थान की सीमा से सटी सबसे अधिक 15 विधानसभा सीटें हैं, जबकि पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों की सीमा से हरियाणा की आठ-आठ विधानसभा सीटें जुड़ी हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से हरियाणा की सात विधानसभा सीटें जुड़ी हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों के लोग हर रोज नौकरी अथवा निजी कारोबार करने दिल्ली आते-जाते हैं। राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश की सीमाओं से सटे हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों में तो इन राज्यों की आपस में रिश्तेदारियां भी हैं।

सबसे कम हिमाचल प्रदेश की दो और उत्तराखंड की एक विधानसभा सीट हरियाणा की सीमा से लगती है। हरियाणा में पिछले 10 साल से भाजपा की सरकार है। राजस्थान में इस बार भाजपा की सरकार बनी है और भजनलाल शर्मा राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

हिमाचल में कांग्रेस तो उत्तराखंड में भाजपा की सरकार

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और भगवंत मान मुख्यमंत्री हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार दूसरी बार सत्ता संभाले हुए है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जिसकी मुखिया हाल ही में अरविंद केजरीवाल के स्थान पर आतिशी बनी हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारें हैं।

भाजपा और कांग्रेस समेत अधिकतर राजनीतिक दलों ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची इस तरह से तैयार की है, ताकि हरियाणा से सटे राज्यों के नेताओं यहां चुनाव प्रचार करने का मौका मिल सके। राजनीतिक दलों ने आसपास के प्रमुख नेताओं की जिम्मेदारियां भी यहां लगाई हैं।

कांग्रेस-भाजपा ने राजस्थान के नेताओं को दी स्टार प्रचारकों को जिम्मेदारी

पंचकूला विधानसभा क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के साथ पंजाब और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ से सटा हुआ है। कालका विधानसभा क्षेत्र भी दो राज्यों की सीमाओं के बीच में है। यमुनानगर जिले में सढोरा एक मात्र ऐसी विधानसभा सीट है, जिसकी सीमा उत्तराखंड राज्य से लगती है। हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस व भाजपा ने राजस्थान के नेताओं को स्टार प्रचारकों में ज्यादा महत्व दिया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे सिंधिया तक राज्य में चुनाव प्रचार करने आने वाले हैं।

भाजपा ने राजस्थान से हरियाणा के पार्टी प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और डिप्टी सीएम दीया कुमारी को चुनाव प्रचार के लिए बुलाया है। कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है।

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भाजपा और कांग्रेस ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विधायकों को साथ लगते हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों में ग्राउंड पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है। खासतौर से राजस्थान से लगती 15 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का पूरा फोकस है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान से सटे जिलों में स्टार प्रचारकों की जनसभाओं के आयोजन के साथ-साथ वहां के मौजूदा विधायकों को हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों में उतार दिया है, जिन्होंने चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है।

दिल्ली से सटे विधानसभा क्षेत्रों पर आप का फोकस

हरियाणा में सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी आम आदमी पार्टी का फोकस दिल्ली सीमा से साथ लगते हलकों पर है, जहां आप के स्टार प्रचारकों को चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है। आप ने राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, संदीप पाठक, राघव चड्ढा सहित पंजाब और दिल्ली सरकार के कई मंत्री, सांसद व विधायकों को स्टार प्रचारक बनाया है।

दिल्ली के साथ हरियाणा की जो सात विधानसभा सीट लगती हैं, उनमें फरीदाबाद, गरुग्राम, बादशाहपुर, बादली, बहादुरगढ़, खरखौदा और राई शामिल है। राई क्षेत्र दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से भी लगता है।

हरियाणा में यमुना किनारे बसे क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का असर 

हरियाणा के यमुना किनारे पर बसे क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के नेताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। काफी एरिया बृज क्षेत्र का आता है। मथुरा वृंदावन भी हरियाणा की सीमाओं से सटे हैं।

यमुनानगर, जगाधरी, रादौर, इंद्री, घरौंड़ा, समालखा, गन्नौर, होडल, पलवल और तिंगाव विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जिन पर उत्तर प्रदेश का असर देखा जा सकता है। भाजपा ने स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर कई अन्य दिग्गजों को हरियाणा में चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा है।

राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से सटी हरियाणा की 45 विधानसभा सीटें lराजस्थान की सीमा के साथ सबसे ज्यादा 15, पंजाब और उप्र के साथ आठ-आठ और

पंजाब से लगते विधानसभा क्षेत्र

अंबाला, अंबाला शहर, पिहोवा, गुहला चीका, नरवाना, टोहाना, कालांवाली राजस्थान से लगते क्षेत्र डबवाली, रानियां, ऐलनाबाद, आदमपुर, नलवा, लोहारू, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, सोहना, नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना

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