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Haryana News: नायब सरकार के नौकरी की सुरक्षा गारंटी के फैसले से सहमत नहीं कर्मचारी संगठन, गिनाईं योजना में कई तरह की खामियां

Haryana News हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कच्चे कर्मचारी की नौकरी को सुरक्षित करने के लिए एक्ट लाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति तक कच्चे कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी। सरकार की इस गारंटी पर कर्मचारी संगठन ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कई खामियां भी गिनाई हैं। 50 हजार से ज्यादा वेतन लेने वाले कर्मचारियों को इससे बाहर रखा गया है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 09 Aug 2024 09:24 PM (IST)
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Haryana News: नायब सरकार के फैसले से सहमत नहीं कर्मचारी संगठन।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एंपलाइज फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा ने कच्चे कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा गारंटी देने के हरियाणा सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की घोषणा से कच्चे कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं और उनमें नाराजगी बढ़ी है।

पिछले कई महीने से राज्य में ठेका कर्मियों को रेगुलर करने का शोर मचा हुआ था। लेकिन सरकार के जिस तरह की गोलमोल घोषणा की है, वह कच्चे कर्मचारियों के हित में नहीं बल्कि अहित में है।

पक्का करने की मांग को किया कमजोर

सुभाष लांबा ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में कहा कि सालों से विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, पालिकाओं व यूनिवर्सिटी में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों की मांग सेवा सुरक्षा की बजाय पॉलिसी बनाकर पक्का करने की रही है।

सरकार की मौजूदा घोषणा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को कमजोर करने व उन्हें रिटायरमेंट तक कच्चे व कम वेतन देने की योजना का हिस्सा है। इसको किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

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रेगुलराइजेशन की मांग को लेकर आंदोलनरत

सुभाष लांबा ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा वेतन लेने वाले कर्मचारियों और एनएचएम व आइसीडीएस जैसी केंद्रीय परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों तथा पार्ट-1, पार्ट-2 व हरियाणा कौशल रोजगार निगम से अलग कार्यरत कर्मचारियों को अलग छोड़ दिया गया है।

ग्रामीण सफाई कर्मचारी सहित कई हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो इनसे बाहर हैं और रेगुलराइजेशन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।

ठेका कर्मचारियों का क्या होगा

राष्ट्रीय स्तर पर भी केंद्र एवं राज्य कर्मचारी संगठन सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों व विश्वविद्यालयों एवं केंद्रीय परियोजनाओं में कार्यरत सभी प्रकार के अनुबंध, कैजुअल, दैनिक वेतनभोगी, आउटसोर्स, संविदा कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने सवाल किया कि जब रेगुलर भर्ती होगी तब सेवा सुरक्षा प्रदान किए ठेका कर्मचारियों का क्या होगा।

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