Mandi Crypto Currency Case: क्रिप्टो करेंसी की फांस-पुलिस पर भी आंच, दो DSP एसआइटी की रडार पर; दो साल से आ रही थी शिकायतें
क्रिप्टो करेंसी की जांच की आंच पुलिस के उच्च अधिकारियों तक जा पहुंची। इससे प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली संदेश के घेरे में आ गई है। क्रिप्टो करेंसी में धोखाधड़ी की शिकायत प्रदेश के कई थानों में दो साल से आ रही थी। दो डीएसपी सहित कई जवान एसआइटी की रडार पर हैं। इन लोगों ने करोड़ों रुपये का निवेश करवा लाखों रुपये कमाए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sun, 12 Nov 2023 08:57 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी।( Mandi Crypto Currency Case) क्रिप्टो करेंसी की फांस की आंच पुलिस के उच्च अधिकारियों तक पहुंच गई है। इससे प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली संदेश के घेरे में आ गई है। क्रिप्टो करेंसी में धोखाधड़ी की शिकायत प्रदेश के विभिन्न थानों में दो साल से आ रही थी।
अकेले थाना सुंदरनगर व बल्ह में तीन मामले दर्ज हुए थे। पुलिस (Himachal Police) ने तीनों शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। लीपापोती करने के बजाय समय रहते पुख्ता कार्रवाई की होती तो शायद धोखाधड़ी (Fraud Case) का आंकड़ा 2500 करोड़ से ऊपर नहीं पहुंचता।
दो डीएसपी सहित कई जवान एसआइटी की रडार पर हैं। इन लोगों ने करोड़ों रुपये का निवेश करवा लाखों रुपये कमाए हैं। विभिन्न बटालियन के 100 से अधिक जवान संदेश के घेरे में है।
300 तक पहुंचा शिकायतों का आंकड़ा
क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी में शिकायतों का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है। लोग अब थानों व साइबर क्राइम सेल के पास जाने के बाद अब ई मेल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। शिकायतों का आंकड़ा कुछ ही दिनों में 500 तक पहुंचने की उम्मीद है।
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थाइलैंड भागा सॉफ्टवेयर बनाने वाला मिलन गर्ग
किंगपिन सुभाष शर्मा के कहने पर उसके दोस्त उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले मिलन गर्ग ने पांच अलग अलग सॉफ्टवेयर बनाए थे। उन्हीं फर्जी सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों से करोड़ों की ठगी की गई थी। मिलन गर्ग थाइलैंड भाग गया है। एसआइटी उसकी तलाश कर रही है।
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