Himachal: DGP संजय कुंडू ने High Court के आदेश को Supreme Court में दी चुनौती, जानें क्या है मामला
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीते मंगलवार को कारोबारी निशांत शर्मा को धमकाने से जुड़े मामले में डीजीपी संजय कुंडू और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाने का आदेश दिया था। इन आदेश को लेकर हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने हाई कोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। DGP Sanjay Kundu High Court Order Challenged In Supreme Court: हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने हाई कोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीते मंगलवार को कारोबारी निशांत शर्मा को धमकाने से जुड़े मामले में डीजीपी संजय कुंडू और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाने का आदेश दिया था। इन आदेशों को चुनौती देने के लिए संजय कुंडू ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
चार जनवरी को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आईपीएस संजय कुंडू बनाम रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट ऑफ हिमाचल प्रदेश का मामला अभी लिस्ट होना है। हाई कोर्ट ने निशांत शर्मा की शिकायत पर स्वतः संज्ञान लिया था।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की बैंच ने हिमाचल के गृह सचिव को निर्देश दिया था कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इन दोनों अधिकारियों को पदों से बदला जाना चाहिए। हाईकोर्ट में अब चार जनवरी को इसकी फिर सुनवाई होनी है।
नए डीजीपी को लेकर चर्चा हुई शुरू
ऐसे में राज्य सरकार को सुनवाई से पहले डीजीपी को बदलना है। यदि नहीं बदला जाता ही तो हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना मानी जाएगी। उधर, नए डीजीपी पर भी चर्चा शुरू हो गई है।
प्रदेश सरकार संजय कुंडू से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआर ओझा या सीआइडी एवं विजिलेंस प्रमुख सतवंत अटवाल को जिम्मेदारी सौंप सकती है। अटवाल को पहले भी कुंडू के अवकाश पर जाने के दौरान कार्यभार सौंपा गया था।
ओझा हैं हिमाचल कैडर के वरिष्ठ अधिकारी
ओझा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं और इस समय डीजी जेल हैं। ओझा हिमाचल कैडर में सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। अब इस पर नजरें लगी हैं कि सरकार नए डीपीजी की नियुक्ति कर देती है या अगले सप्ताह तक इंतजार करती है।
क्या है मामला
कारोबारी निशांत ने 28 अक्टूबर 2023 को हाई कोर्ट को ईमेल के माध्यम से अपने व परिवार की जान को खतरे की बात लिखी थी। यह भी लिखा था वह चिंतित है कि उन्हें या तो डीजीपी मार देगा या धमकाएगा। कारोबारी ने लिखा है कि गुरुग्राम में भी उस पर हमला हो चुका है, जिसमें वह बच गया। इसकी शिकायत वापस लेने के लिए दो बाइक सवार व्यक्तियों ने भागसूनाग व मैक्लोडगंज के बीच रास्ते में उसे रोककर धमकाया।
ईमेल के मुताबिक डीजीपी कार्यालय से उसे एक ही दिन में 14 फोन आए। उसे डीएसपी व एसएचओ पालमपुर ने भी फोन किए। एसएचओ ने वाट्सएप पर मैसेज कर बताया कि डीजीपी उससे बात करना चाहते हैं। इसलिए उसे डीजीपी कार्यालय में फोन करना चाहिए।
फोन पर डीजीपी ने ये कहा
फोन करने पर डीजीपी ने कहा कि शिमला आओ और उनसे मिलो। उसने कहा कि वह क्यों उनसे मिले तो डीजीपी ने कहा कि उसे शिमला आकर उनसे मिलना होगा।
ईमेल के माध्यम से निशांत ने हिमाचल के दो प्रभावशाली लोगों पर उससे जबरन वसूली का दबाव बनाने की बात कही है। मुख्य न्यायाधीश ने ईमेल पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक आदेश से इसे आपराधिक याचिका पंजीकृत करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद ही कांगड़ा जिला में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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