Himachal News: संजौली कॉलेज में स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच झड़प, 6 छात्रों के निष्कासन से जुड़ा है मामला
संजौली कॉलेज में छह छात्रों के निष्कासन के मामले में एसएफआई ने उग्र प्रदर्शन किया। कॉलेज प्रशासन ने आंदोलनकारियों के कॉलेज प्रवेश पर रोक लगा दी थी जिसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की हुई। एसएफआई के राज्य सचिव दिनीत ने कहा कि जब तक कॉलेज प्रशासन उन्हें बात करने के लिए नहीं बुलाएगा तब तक धरना जारी रहेगा।
जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला के संजौली कॉलेज में मंगलवार को 6 छात्रों के निष्कासन के मामले में एसएफआई ने उग्र प्रदर्शन किया। कॉलेज प्रशासन ने आंदोलनकारियों के कॉलेज प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दिया था। सुबह से ही कॉलेज के प्रवेश द्वार पर पुलिस के जवान तैनात थे। किसी भी आंदोलनकारी को कॉलेज में प्रवेश नहीं दे रहें थे।
प्रवेश द्वार के बाहर ही छात्र संगठन के नेता व कार्यकर्ता पहले प्रदर्शन कर रहें थे। इस दौरान वे कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद मौका देखकर एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में प्रवेश कर लिया। इसी बीच पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें बाहर निकालने का भी प्रयास किया।
पुलिस और छात्रों के बीच हुई धक्का-मुक्की
इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच काफी ज्यादा धक्का-मुक्की भी हुई। धक्का-मुक्की में एक पुलिस अधिकारी भी जमीन पर गिर गया। इसके बाद कॉलेज में काफी देर तक माहौल पूरी तरह से गरमाया रहा।
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एसएफआई के कार्यकर्ता कॉलेज के प्रवेश द्वार पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। एसएफआई के राज्य सचिव दिनीत ने कहा कि जब तक कॉलेज प्रशासन उन्हें बात करने के लिए नहीं बुलाएगा तब तक इसी प्रकार से धरना प्रर्दशन जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक तय एजेंडे के तहत राजनेताओं के इशारे पर एसएफआई के नेता और कार्यकताओं पर इस तरह से कार्रवाई की जा रही है। इसे किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
छात्रों से बात करने के लिए कॉलेज प्रशासन राजी नहीं
कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. भारती भागड़ा ने साफ कहा कि किसी भी सूरत में इन छात्रों का निष्कासन वापस नहीं होगा। कॉलेज प्रशासन ऐसे छात्रों के साथ कोई बात नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा कि यदि ये पहली बार होता तो माना जा सकता था कि छात्र व छात्राओं ने गुस्से में ऐसा किया होगा, लेकिन ये इन छात्रों के रुटीन का हिस्सा है। इसलिए इसे स्वीकार करना मुश्किल है।
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