Himachal Election 2022: यहां दामाद और ससुर में मुकाबला, 2017 में थी कांटे की टक्कर, इस बार क्या हैं समीकरण
Solan Seat Contest In Sasur and Damad हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव मैदान में रिश्तेदार भी उतर आए हैं। सत्ता की कुर्सी के लिए सोलन विधानसभा सीट पर इस बार फिर ससुर और दामाद में टक्कर होने जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Thu, 03 Nov 2022 01:04 PM (IST)
सोलन, भूपेंद्र ठाकुर। विधानसभा क्षेत्र सोलन में इस बार फिर ससुर और दामाद में टक्कर होने जा रही है। भाजपा व कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों में पिछले चुनाव में भी जीत का अंतर कम ही रहा था। यहां से कांग्रेस ने कर्नल धनीराम शांडिल और भाजपा ने इनके दामाद डा. राजेश कश्यप को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2017 में यहां रोचक मुकाबला हुआ था। कर्नल धनीराम शांडिल को 26200 तथा डा. राजेश कश्यप को 25529 वोट मिले थे। शांडिल ने यह चुनाव 671 वोट से जीता था।
IGMC में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ उतरे चुनाव में
2017 में आइजीएमसी से प्रोफसर की नौकरी छोड़ कर भाजपा के उम्मीदवार डा. राजेश कश्यप ने पहली बार चुनाव लड़ा था तथा सोलन में इन्हें कोई ज्यादा जानता भी नहीं था। इसके बाद पांच वर्ष तक डा. कश्यप लोगों से जुड़े रहे और ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा ने विकास कार्य भी करवाए हैं। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार कर्नल धनीराम शांडिल कद्दावर नेता हैं और यह उनका तीसरा विधानसभा चुनाव है। वीरभद्र सिंह की सरकार में उन्होंने काफी विकास करवाया है जिसकी वजह से वह 2017 में चुनाव जीते थे। पांच वर्ष में भी शांडिल ने विधायक निधि से विकास करवाने का प्रयास किया है। इसके अलावा यहां पर आम आदमी पार्टी से अंजु राठौर, निर्दलीय अमरदास, बहुजन समाज पार्टी से राजेंद्र चुनाव लड़ रहे हैं।
दोनों नेताओं की बेहतर पकड़
खास बात यह है कि दोनों नेता रिश्ते में ससुर व दामाद हैं, इसलिए दोनों की रिश्तेदारी भी सोलन में ही है। डा. राजेश का कंडाघाट, चायल, झाझा तथा डुमैहर क्षेत्र में अधिक दबदबा माना जा रहा है, जबकि कर्नल धनीराम शांडिल का ओच्छघाट, नौणी, शमरोड़, धारों की धार तथा शामती पंचायत में अच्छा वोट बैंक है। ग्रामीण क्षेत्रों में दोनों नेताओं की अच्छी पकड़ है। हालांकि शहरी क्षेत्र में भाजपा को मेहनत करनी पड़ सकती है।भाजपा व कांग्रेस में ही रहा है मुकाबला
सोलन में कांग्रेस का नगर निगम है इसलिए कांग्रेस को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। धनीराम शांडिल ने विधायक निधि का 50 प्रतिशत बजट सोलन शहर में ही खर्च किया है। सोलन में हमेशा भाजपा व कांग्रेस के बीच मुकाबला रहा है। यहां से छह बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं, जबकि चार बार भाजपा। एक बार जनता दल व एक निर्दलीय विधायक बना है।
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- पुरुष मतदाता 43952
- महिला 41836
- सर्विस वोटर 383
- युवा मतदाता 3321
- कुल मतदाता 86171
ये रहे अब तक विधायक
- वर्ष, नाम, पार्टी
- 1993, कृष्णा मोहिनी, कांग्रेस
- 1998, कृष्णा मोहिनी, कांग्रेस
- 2000, डा. राजीव बिंदल, भाजपा
- 2003, डा. राजीव बिंदल, भाजपा
- 2007, डा. राजीव बिंदल, भाजपा
- 2012, कर्नल धनीराम शांडिल, कांग्रेस
- 2017, कर्नल धनीराम शांडिल, कांग्रेस