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बिहार से बांग्लादेश तक फैला पशु तस्करी का नेटवर्क, एक्शन के बाद भी धंधे में नहीं आई कमी; हैरान करने वाले खुलासे

झारखंड के कुछ जिलों में पिछले महीने पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके बाद भी पशु तस्करी केो मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन तस्करों का नेटवर्क बिहार से लेकर बंगलादेश तक फैला है। बिहार और झारखंड के कई मंडियों से पशुओं को खरीद बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक पहुंचाए जाते हैं। जांच में इस काम में बहुत बड़ा नेटवर्क का कनेक्शन सामने आया है।

By Kanchan Saurabh MishraEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 18 Dec 2023 02:28 PM (IST)
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बिहार से बांग्लादेश तक फैला पशु तस्करी का नेटवर्क, एक्शन के बाद भी धंधे में नहीं आई कमी

जागरण टीम, मधुपुर, देवघर। पशु तस्करों के खिलाफ जिले की पुलिस टीम ने पिछले कुछ महीनों में बड़ी कार्रवाई की। कई पशु तस्करों को पकड़ा गया है। सैकड़ों की संख्या में पशुओं को मुक्त बराया गया है। दर्जनों वाहन पकड़े गए हैं। इस काम में खास तौर पर जिले के बढ़ई थाना की पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है, लेकिन इसके बावजूद पशु तस्करी के धंधे में कमी नहीं आई है।

इन पशु तस्करों का नेटवर्क बिहार से लेकर बंगलादेश तक फैला हुआ है। बिहार व झारखंड की मंडियों से पशुओं को खरीदकर तस्कर बंगाल के रास्ते बंगलादेश तक पहुंचते हैं। वहीं बहुत से पशुओं को बंगाल के बुचड़खाने में भी ले जाया जाता है। इस काम के पीछे बहुत बड़ा नेटवर्क काम करता है।

पशुओं को बिहार के मंडियों से खरीदा जाता 

पशुओं को बिहार के भोजपुर, बिहिया, हाजीपुर, बख्तियारपुर, बक्सर, बलिया आदि की मंडियों से खरीदा जाता है। उन्हें गाड़ी पर लोड कर झारखंड, बंगाल के रास्ते बंगलादेश तक ले जाया जाता है। रास्ते में इस गिरोह के सदस्य इन गाड़ियों की रेकी करते हैं।

ये लोग बाइक व गाड़ियों से पुलिस की रेकी करते हैं। पुलिस की चेकिंग नजर आते ही अपने लोगों को सतर्क कर देते हैं। देवघर में पशुओं की तस्करी, मोहनपुर, जसीडीह, बढ़ई, देवीपुर, मधुपुर, करौं, मारगोमुंडा थाना क्षेत्र से होता है। इन पशु तस्करों का कई थानों से भी सेटिंग है। गाड़ियों को पास कराने के एवज में पुलिस को पैसा दिया जाता है। इस काम में स्थानीय लोग भी शामिल हैं। इस पशुओं की तस्करी में ट्रक, पिकअप वैन के अलावा कंटेनर का भी इस्तेमाल किया जाता है।

जसीडीह में पशुओं से भरा एक कंटेनर पकड़ा गया

जसीडीह थाना क्षेत्र में पशुओं से भरा एक कंटेनर एक बार पकड़ा जा चुका है। उसके अंदर से 32 पशुओं को बरामद किया गया था। इसके साथ ही जिले के बढ़ई व अन्य थाना की पुलिस ने पिछले कुछ माह के दौरान कई पशु लदे वाहनों को पकड़ा है। कई पशु तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं वाहनों को जब्त किया गया है।

हर बार यहीं देखने को मिला है कि इन पशुओं को काफी क्रूर तरीके से गाड़ियों पर लाद दिया जाता है। पकड़े गए पशु तस्करों में से अधिकांश बिहार व बंगाल के रहने वाले हैं। बरामद किए गए अधिकांश पशुओं को देवघर के गौशाला में रखा गया है।

देवघर की मंडियों से भी होती पशुओं की खरीदारी

पशुओं की खरीददारी देवघर की मंडियों से भी बड़े पैमाने पर की जाती है। इसका सबसे बड़ा मंडी मोहनपुर है। इसके अलावा रिखिया, देवीपुर आदि इलाकों से भी पशुओं की खरीदारी होती है। जिले के मोहनपुर मंडी से पशुओं को खरीदकर उसे पैदल ही जिले की सीमा को पार कराया जाता है।

दुमका जिला में गाड़ियों पर लादकर इन पशुओं को बंगाल तक ले जाया जाता है। सूत्रों की माने तो इन पशु तस्कारों के पीछे कई सफेदपोश लोगों का हाथ है। कई बड़े नेताओं का भी इन तस्करों को सह मिला हुआ है। ये पशु तस्कर पुलिस, प्रशासन व सरकार के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।

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