सख्ती से कानून का पालन होना जरूरी
बाल यौन शोषण में रोक के लिए कठोर कानून बनाने के साथ ही उनका पालन भी सख्ती से होना चाहिए। आम लोगों को जागरूक करना चाहिए और युवाओं को बढ़चढ़कर आगे आना चाहिए।
रांची :रांची हो, कठुआ हो, मंदसौर हो या फिर किसी अन्य शहर की घटना, लोगों को आक्रोशित कर रही हैं, भयभीत कर रही हैं। घर, परिवार, समाज की चिंता बढ़ती जा रही है। आए दिन किसी न किसी शहर से एक दुखती खबर आ जाती है। बच्चों को स्कूल भेजते समय हर अभिभावक सशंकित हो जाता है। कब, क्या, किसके साथ कुछ घट जाए, कहना मुश्किल है। आज बच्चियां सर्वाधिक असुरक्षित हैं। बाल यौन शोषण की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। कल्पना करें, उस बच्ची पर क्या बीतती होगी, जो इस तरह की घटना की शिकार होती होगी? आज साक्षरता बढ़ रही है और उसी अनुपात में हम मानवता लुप्त होती जा रही है। आखिर, हम कब कह सकेंगे, बस, अब नहीं। इन तमाम बिंदुओं पर रेडियो सिटी 91.9 एफएम की आरजे शान्वी ने अपनी बात रखी। कहा, इस तरह की घटनाओं के लिए हमारे देश में सख्त कानून भी है। बावजूद इसके इस तरह की अमानवीय घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। इसका एक ही कारण है, कानून का सख्ती से पालन न होना। हमें कानून का डर नहीं। अरब देशों में कानून का डर है। वहां, अपराध करने से पहले लोग दस बार सोचते हैं। अपने यहां इस तरह के कठोर कानून नहीं हैं, जो कानून हैं भी उनका सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा । कानून का सख्ती से पालन जरूरी है और जरूरी है समाज में जागरूकता। स्कूल और घर में भी बच्चियों से खुलकर बातचीत हो। स्कूल में भी टीचर बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान न दें। वे भीतर से मजबूत भी बनाए। बच्चों के मन पर टीचर का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। स्कूलों का वातावरण भी बेहतर होना चाहिए। बच्चों से भी अभिभावकों को स्कूल का फीडबैक लेते रहना चाहिए। और, घर में भी माता-पिता बच्चों से खुलकर बात करें। इससे बच्चों का मानसिक स्तर मजबूत होगा। आज सोशल मीडिया का जमाना है। बच्चों की हर गतिविधि पर अभिभावक की नजर हो। बच्चों से ऐसा अभिभावक व्यवहार करें कि वह हर बात अपने अभिभावक या टीचर से कह सके। इस खुलापन से भी बहुत सारी समस्याओं का निदान हो सकता है।
आज मीडिया की वजह से गांव से लेकर शहर में हो रही इस तरह की घटनाएं तत्काल प्रकाश में आ जाती हैं। मीडिया मुद्दों को उठाता है तो त्वरित न्याय का मार्ग भी प्रशस्त हो उठता है। इस तरह की अनेक घटनाएं हमारे सामने हैं। एक दूसरी बात यह भी देखने में आती है कि अनेक घटनाओं में आस-पास के लोग ही लिप्त पाए जाते हैं। ट्रैफिकिंग के मामले में भी यह देखने को मिलता है। तो, हमें अपने पास-पास के लोगों पर भी नजर रखनी चाहिए। कब, कौन किस वेश में हो, कहना मुश्किल है। परिवार का माहौल ठीक रहे। बच्चों को हमेशा सचेत भी करते रहें। पढ़ाई-लिखाई के साथ सामाजिक ज्ञान भी जरूरी है। इसके साथ, पुलिस को भी इस मामले में संवेदनशील होना होगा।